स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क
कानपुर देहात। कानपुर देहात का राजपुर ब्लॉक यमुना पट्टी से सटे होने की वजह से यहां के किसान कद्दू की फसल को कम दिनों में होने वाली बड़ी फसल के तौर पर देखते हैं। राजपुर ब्लॉक में 20 हजार बीघा से ज्यादा हर साल कद्दू बुवाई की जाती है। कद्दू के इस गढ़ में किसान इसकी बुवाई 25 मई से 25 जून तक करते हैं। 70-90 दिन में तैयार होने वाली फसल कद्दू में दो से ढाई हजार की लागत आती है, मुनाफा ठीक ठाक हो जाता है ।
कानपुर देहात जिला मुख्यालय से 40 किलोंमीटर दूर राजपुर ब्लॉक के 70 से ज्यादा गाँवों में कद्दू की फसल किसानों की पहली पसंद बन गया है। सबसे ज्यादा कद्दू बुवाई वाला बुधौली गाँव जहां हर साल 600 से ज्यादा बीघा कद्दू की बुवाई होती है।
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इस गाँव में रहने वाले ज्ञान सिंह पाल (65 वर्ष) पिछले कई वर्षों से कद्दू की खेती कर रहे हैं वो अपना अनुभव साझा करते हुए बताते हैं, “गेहूं के खाली खेत में जुताई करके, गोबर की खाद डालकर खेत की पलेवा (खाली खेत में पानी चलाना) करके बुवाई कर देते हैं, ये फसल कम समय और कम लागत में अच्छा मुनाफा देने वाली है।” वो आगे बताते हैं, “एक बीघा में पूरी लागत दो ढाई हजार रुपए आती है 70-90 दिन में अगर अच्छा भाव मिल गया तो 15-20 हजार की बचत हो जाती है, इस फसल में नुकसान होने की ज्यादा सम्भावना नहीं रहती है।”
एक समय गाँवों में शादी समारोह में ही इसकी सब्जी प्रमुखता से बनती थी लेकिन बदलते समय के साथ अब किसान इसे बड़ी फसल के रूप में देख रहे हैं और इससे अच्छे मुनाफे का जरिया भी समझ रहे हैं। कद्दू की सबसे ज्यादा बोई जाने वाली वैरायटी सेंचुरी, पहूजा 90 दिनों की फसल है, वीएन-11 सिर्फ 60 दिनों की फसल है। ये बीज 3100-4000 किलो मिलता है। एक बीघा में 50 कुंतल उपज हो जाती है एक कुंतल 400-500 में बिक जाता है।
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400 बीघा कद्दू बोने को तैयार हुआ खेत
इसी गाँव में रहने वाले राजनारायण कटियार (37 वर्ष) ने कद्दू का व्यापार किया है और खेती भी कर रहे हैं। इनका कहना है, “व्यापारी कद्दू के खेत से माल खरीद ले जाते हैं, बेचने के लिए ज्यादा परेशान नहीं होना पड़ता, अगर मंडी में सीधे बेचने का मन होता है तो पास की चकरपुर मंडी चले जाते हैं ।”
वो आगे बताते हैं, “इस बार हमारे गाँव में लगभग 400 बीघा कद्दू बुवाई के लिए खेत की तैयारी हो रही है, हम खुद 10 बीघा कद्दू बोएंगे, जुलाई अगस्त सितम्बर तीन महीने हमारे यहां किसान सब्जी की चिंता नहीं करते, जिसको भी ताजे कद्दू की सब्जी बनानी हो किसी भी खेत में जाकर तोड़ सकता है कोई मनाही नहीं होती है ।”
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