भुगतान न मिला तो पांच हजार मनरेगा मजदूरों की दीपावली हो जाएगी सूनी

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भुगतान न मिला तो पांच हजार मनरेगा मजदूरों की दीपावली हो जाएगी सूनीबीते कई महीनों से मनरेगा का नहीं हो पा रहा भुगतान। (फोटो साभार: गूगल इमेज)

स्वयं डेस्क

उन्नाव। जिले के पांच हजार मनरेगा मजदूरों की दीपावली इस वर्ष सूनी रहेगी। मजदूरी के बाद भी जिले के मनरेगा मजदूरों का भुगतान लंबित पड़ा है। केंद्र सरकार से पैसा न मिलने से जिले के मजदूरों का पांच करोड़ रुपया नहीं मिल सका है। उधर, भुगतान के लिए मजदूर लगातार बैंकों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं।

मरनेगा के तहत जिले को मिलने वाला रुपया तीन माह पूर्व ही खत्म हो गया था। खाते में रुपया न होने के कारण मनरेगा मजदूरों का भुगतान लटक गया है। मजदूरों को भुगतान किया जा सके इसके लिए लखनऊ मुख्यालय से कई पत्र केंद्र सरकार को भेजे गये लेकिन खातों में पैसा नहीं आ सका है। जनपद में लगभग पांच हजार मनरेगा मजदूर ऐसे हैं जो भुगतान के लिए बैंकों व प्रधानों के घरों की दौड़ लगा रहे हैं। अधिकारियों के अनुसार, पांच करोड़ रुपये का भुगतान फंस गया है। पैसे का भुगतान न होने से मनरेगा जाबकार्डधारकों के घरों के चूल्हे ठंडे होने की नौबत आ गई है। मजदूर प्रधान और सेक्रेटरी के चक्कर लगा रहे हैं। मजदूरी के लिए मजदूर सुबह-सुबह की प्रधान के घर पर पहुंचकर दस्तक दे रहे हैं। सबसे ज्यादा भुगतान नवाबगंज ब्लाक का फंसा है। सुमेरपुर, मियागंज, फतेहपुर चौरासी, गंजमुरादाबाद में भी लाखों रुपये का भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। जानकारों की मानें तो मजदूरों को काम करने के सात दिन के अंदर पैसा मिल जाना चाहिए लेकिन महीनों बीत जाने के बाद भी जॉबकार्डधारक मजदूरी के लिए भटक रहे हैं। दिवाली में एक सप्ताह का समय शेष है। ऐसे में ये जॉबकार्डधारक त्योहार खराब होने की आशंका से परेशान नजर आ रहे हैं। मनरेगा उपायुक्त शेषमणि सिंह ने बताया कि भुगतान के लिए लगातार वह उच्चाधिकारियों के संपर्क में हैं। पैसा आते ही मजदूरों का भुगतान कर दिया जाएगा।

"This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org)."

    

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