Gaon Connection Logo

दूषित पानी से प्यास बुझाने को मजबूर ग्रामीण

contaminated water

भीम कुमार, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

सोनभद्र। जिले के म्योरपुर विकास खण्ड के पड़री गाँव के चपरा टोले के ग्रामीण इन दिनों रिहंद जलाशय का प्रदूषित पानी पीने को विवश हैं। गाँव में लगे दो सरकारी हैंडपंप से एक खराब है और दूसरे से दूषित पानी आ रहा है।

गाँव के रामसुभग (50वर्ष) का कहना है, “हमारे टोले में लगभग सात सौ की आबादी है, जिसमें सरकार के तरफ से मात्र दो हैण्डपम्प लगवाया गया है। दो हैण्डपम्प में से एक हैण्डपंप खराब है और एक से दूषित पानी आता है। जिसे हम ग्रामीण नहीं पी पा रहे हैं। मजबूरी में लोग रिहंद जलासय का पानी पीने को विवस हैं।”

रिहंद जलाशय से पानी भरने को मजबूर सोनभद्र के पड़री ग्रामवासी।

ये भी पढ़ें : बांध परियोजनाओं में सामने आया करोड़ों का घोटाला, साजिशन बढ़ाई गई लागत

वहीं, इसी गाँव की राजवानी देवी (40 वर्ष) का कहना है, “हमारे गाँव में ग्राम प्रधान द्वारा टैंकर से पानी तो दिया जाता है, लेकिन टैंकर से प्रतिदिन पानी नहीं मिल पाता है। आज आएगा तो दो दिन बाद दोबारा आएगा। ऐसे में हमें रिहंद के पानी पर निर्भर रहना पड़ता है।”

राजू यादव का कहना है, “हमारा गाँव बहुत बड़ा है। एक टैंकर पानी से काम नहीं चल पाता है। हमारे गाँव में एक नहीं तीन टैंकर पानी की जरुरत है। पर्याप्त पानी नहीं मिलने के कारण ग्रामीण रिहंद जलाशय का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं।”

सोनभद्र के पड़री गांव में लगा सरकारी हैंडपंप।

ये भी पढ़ें : पशु और प्रकृति से प्रेम इन आदिवासियों से सीखिए… पशुओं की प्यास बुझाने के लिए 3 महीने गुजारते हैं नदी के किनारे

ग्राम प्रधान जमुना यादव का कहना है, “हमने ब्लाक प्रमुख व खण्ड विकास अधिकारी के पास आरओ प्लांट व हैण्डपम्प के लिए लिखित रूप आवेदन किया है, पता नहीं कब वहां से पास होकर आएगा। ग्रामीण प्रदूषित पानी पीने के लिए मजबूर हैं।”

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

More Posts