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औरैया में माइनर और नहरों में पानी न आने से धान की फसल पर संकट

गाँव में पानी की समस्या

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

औरैया। जिले की नहरों और माइनरों में पानी न छोडे जाने से किसानों की चिंता बढ गई है। वहीं विद्युत आपूर्ति सही से न होने के कारण टयूबवेल भी धोखा दे रहे है। धान की फसल में बालियां निकलनी शुरू हो गई है। इस अवस्था में अगर फसल को पानी न मिला तो धान की पैदावार में गिरावट आ जाएगी।

रजवाहों व माइनरों में पानी न आने के कारण फसल सूखने की कगार पर पहुंच गई है। कुछ किसान जगह-जगह रोक कर पानी को फसल में भर रहे है। इसलिए टेल तक पानी नहीं पहुंच रहा है। किसानों ने एक्सईएन से शिकायत भी की लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। कोठीपुर रजवाहा से नादपुर व जैतपुर माइनर में पानी नहीं आ रहा है। ढिकियापुर माइनर की सफाई न होने से पानी टेल तक नहीं पहुंच पा रहा है। जिले के किसानों ने नहरों में पानी अनवरत नवंबर 2017 तक चलाये जाने की मांग की है।

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”माइनरों में थोडा बहुत पानी आ भी रहा है तो उसे लोग जगह-जगह बांध लगाकर रोके हुए है जिससे अन्य किसानों की फसल चैपट हो रही है। नवंबर माह तक माइनरों में पानी छोड़े जाने की मांग जिलाधिकारी से की गई है।”

संत कुमार तिवारी,जिलाध्यक्ष,भारतीय किसान यूनियन

किसानों का कहना है कि अगर नवंबर तक लगातार पानी न दिया गया तो जिले किसानों को फसल की पैदावार करने में काफी कठिनाई का सामना करना पडेगा। विद्युत की लुकाछिपी की वजह से ट्यूबवेल नहीं चल पा रहे हैं। ऐसी स्थिति में किसान टयूबवेल से भी पानी नहीं लगा पा रहे है। प्राईवेट नलकूप से पानी लगाने में किसानों की जेब पर वजन पड रहा है। इसलिए किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है। किसानों ने जिलाधिकारी जय प्रकाश सगर से नहरों और माइनरों में पानी अनवरत चलाए जाने की मांग की है।

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“सिंचाई विभाग के एक्सियन को माइनरों को साफ करा पानी छुडवाये जाने का आदेश दिया गया है एक सप्ताह के अंदर किसानों को पानी पर्याप्त मात्रा में मिलना शुरू हो जाएगा।”

जय प्रकाश सगर,जिलाधिकारी

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