आकाश सिंह/जितेंद्र कश्यप
स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट
बाराबंकी। भीषण गर्मी के कारण जिले के बड़े व आदर्श तालाब भी सूखने लगे हैं। तेजी से सूखते तालाब से अब पशु-पक्षियों के सामने प्यास बुझाने तक का संकट गहरा गया है। जब तालाबों में पानी नहीं होगा, तो ग्रामीण पशुओं की प्यास कैसे बुझा पाएंगे। जनपद में कुछ तालाब ऐसे हैं, जिन्हें मनरेगा द्वारा निर्मित कराया गया था। इनमें से कुछ तालाब ऐसे हैं, जिन्हें हालिया वर्षों में मनरेगा से जीर्णोद्धार कराया गया था। जबकि कुछ तालाबों को नए सिरे से निर्मित कराया गया था। तालाबों में पानी न होने से ग्रामीण, पशुपालक, किसान ही नहीं बल्कि वन्य जीव और पशु-पक्षी भी परेशान हैं।
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जिला मुख्यालय से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर बंकी ब्लॉक के बिछलंगा गाँव में ग्राम प्रधान द्वारा तालाब खुदवाया गया और उसका सौंदर्यीकरण भी किया गया था। भीषण गर्मी में तालाब सूख गया है। तालाब सूखने से मवेशियों और ग्रामीणों के सामने जल संकट पैदा हो गया है। ग्रामीण छोटेलाल (55वर्ष) का कहना है,“ तालाब सूखने हमारे सामने मुसीबत खड़ी हो गई है। पशुओं को काफी दिक्कत हो रही है।” वहीं इसी गाँव के रहने वाले राहुल (20वर्ष) का कहना है, प्रदेश सरकार ने सूखे तालाबों को भरवाने का आदेश दिया है, लेकिन हमारे गाँव का तलाब अभी भी सूखा है। ”
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इसी गाँव के ग्रामीण भानू (20वर्ष) ने बताया, “ तालाब सूखने से हमारे खेतों की सिंचाई नहीं हो पा रही है।गाँव का जल स्तर भी गिरता जा रहा है।” इस मामले पर बाराबंकी के जिला अधिकारी अखिलेश तिवारी का कहना है,“ सभी ब्लॉक स्तर के अधिकारियों की यह जिम्मेदारी होती है कि वो अपने क्षेत्र में तालाबों के रख रखाव की ओर ध्यान दें। सूखे तालाबों को जल्द से जल्द भरवाया जाएगा।”
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