वर्षों बाद इस गाँव में पहुंची बिजली, एक घंटे में ही गुल

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
वर्षों बाद इस गाँव में पहुंची बिजली, एक घंटे में ही गुलकन्नौज के कनपुरा गाँव में बिजली तो पहुंची मगर फिर ग्रामीणों को हाथ लगी मायूसी।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

तिर्वा (कन्नौज)। जिला मुख्यालय से करीब 24 किमी दूर बसे गाँव कनपुरा में वर्षों से बिजली नहीं पहुंची थी। ‘गाँव कनेक्शन’ ने अपने 6 से 12 नवम्बर के अंक में ‘कनपुरा के ग्रामीणों को नहीं हुए बिजली के दर्शन’ शीर्षक के साथ स्टोरी प्रकाशित की तो कुछ दिनों पहले यहां आपूर्ति शुरू की गई, लेकिन एक घंटे बाद ही बिजली गुल हो गई।

तार लगे, खंभे भी, मगर बिजली...

तहसील तिर्वा क्षेत्र के गाँव कनपुरा में कई वर्षों से बिजली नहीं आई है। यहां विद्युतीकरण का काम भी हुआ है। तार भी खिंच चुके हैं। खंभे भी लगे हैं, लेकिन ग्रामीणों ने वर्षों से बिजली के दर्शन नहीं किए। मामला जब ‘गाँव कनेक्शन’ ने उठाया तो हलचल शुरू हुई। कुछ दिनों पहले यहां पर सपा के कुछ नेता भी पहुंचे। उन्होंने पार्टी और सरकार की योजनाओं के बारे में बताया। गाँव के ग्रामीणों ने अपनी पीड़ा भी बताई कि उनको बरसों से बिजली के दर्शन नहीं हुए हैं, जबकि गाँव में पोल और तार लगे हैं। कुछ ग्रामीणों ने यह भी कहा कि काम बहुत ही कछुआ गति से चल रहा है। जगह-जगह काम हुआ भी नहीं है।

ग्रामीणों की मन्नत पूरी हुई मगर...

कनपुरा गाँव में रहने वाले वंशी ने बताया, “कुछ दिन पहले बिजली आई और करीब एक घंटे बाद ही आपूर्ति ठप हो गई। इसके बाद कुछ नहीं हुआ। जब आपूर्ति शुरू हुई थी तो लगा सालों पुरानी मन्नत पूरी हुई, लेकिन एक घंटे में ही हालत वही हो गई।” रामप्रकाश ने बताया, “ठेकेदार का काम सही नहीं है। वहीं लोड अधिक होने और डीपी की कमी का मामला भी चर्चा में है। इस कारण कई घरों में बिजली नहीं पहुंची है। इसलिए एक घंटे में ही ठप हो गई।”

ठेकेदार सही से नहीं कर रहा काम

इस बाबत जब एसडीओ सुधांशु से बात कही गई तो उन्होंने बताया, “ठेकेदार सही से काम नहीं कर रहा है। उच्चाधिकारी कार्रवाई करें, तभी काम हो सकेगा। 11वीं योजना का काम कनपुरा में हो रहा है। अब तो 12वीं योजना के कामों का समापन होना है।” वहीं, ग्रामीण इस उम्मीद में हैं कि कब पूरी तरह से गाँव में बिजली आनी शुरू होगी।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.