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वीडियो : आप भी जानिए कैसे होती है मिट्टी की जांच 

किसान

बाराबंकी। खेती के लिए मिट्टी की जांच भी आवश्यक होती है। किसान इसके प्रति जागरूक भी हो रहे हैं। बाराबंकी जिले के ब्लॉक निन्दूरा के ग्राम पंचायत करुवा के किसान देवेन्द्र मिश्र (40 वर्ष) मिट्टी की जांच करवायी। खंड तकनीकी प्रबंधक सुशील अग्निहोत्री और प्राविधिक सहायक संजय कुमार ने उन्हें मिट्टी की जांच की पूरी जानकारी दी।

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सुशील अग्निहोत्री ने बताया, “सबसे पहले पूरे पंचायत के नक्शे में खेत की संख्या में उस व्यक्ति के खेत की संख्या देखी जाती है, उससे फिर खसरे में व्यक्ति से मिलान करी जाती है कि वो खेत उस व्यक्ति का है की नहीं। उसके बाद खेत में मिट्टी का नमूना लेते हैं। जांच में जो रिपोर्ट आती है उसके हिसाब से ही अपने खेत में उर्वरकों का प्रयोग करते हैं।”

वीडियो में देखे कैसे होती है मिट्टी की जांच

संजय कुमार ने बताया, “मिट्टी की जांच के लिए छह गुणे चार के आकर का गड्ढा बनाना होता है। गड्ढा खेत के मेड़ से थोड़ी दूरी पर ही बनाना होता है। गड्ढे की मिट्टी खुरपी की सहायता से छह इंच का गढ्ढा बनाकर बाहर निकाल देनी होती है। अब गड्ढे की चारों ओर की परत को उसी गड्ढे में गिरा देना पड़ता है। जो परत वाली मिट्टी गिराई जाती है उसे ही जांच के लिए देना होता है। इसी तरीके से पूरे खेत की तीन से चार जगह की मिट्टी को इकट्ठा किया जाता है।

खेत में सभी जगहों की मिट्टी इकठ्ठा करने के बाद उसे अच्छी तरीके से पीस देनी चाहिए और उसे चार बराबर भागों में बांट देना चाहिए। चारों हिस्सों में एक हिस्से को एकदम बाहर कर देना चाहिए। बचे तीन हिस्सों को एक साथ मिला लेना होता है। इसके बाद में फिर से उसके चार हिस्सों में बांट देना चाहिए। फिर से इसमें से एक हिस्सा हटा देना होता है। अब बचे तीनों भागों को इकट्ठा करके नमूने के लिए पैक कर लेते हैं।”

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संजय कुमार आगे बताते हैं “इसके बाद एक पर्ची पर किसान का नाम, पिता का नाम, मोबाइल नंबर, खसरा नंबर और जो आगामी फसल जो आप करना चाहते हैं और मिट्टी किसके द्वारा जा रही है उसका नाम लिख कर उसी मिट्टी के पैकेट में डाल देते हैं और मिट्टी को जांच के लिए भेज देते हैं। कुछ दिनों बाद मृदा कार्ड आता है, जिस पर खेत के की मिट्टी की सम्पूर्ण रिपोर्ट होती है।”

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