ओडिशा की वो रसगुल्ला की दुकान, जिसका नाम ही लोगों की जुबान में मिठास घोल देता है

Purushotam ThakurPurushotam Thakur   25 Jun 2019 7:38 AM GMT

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केद्रापाड़ा (ओडिशा)। मिठाई को नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आने लगता है। हमारे देश की पहचान मिठाइयों के लिए भी होती है। आमतौर पर हम मीठा खाने के बहाने ढूंढते हैं, लेकिन देश में कई ऐसी दुकानें हैं, जहां आप मिठाई को देखकर खुद को खाने से नहीं रोक सकते हैं। ऐसे में हम आपको एक खास स्‍थान के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका रसगुल्‍ला बहुत फेमस है।

आप अगर ओडिशा या बंगाल में मिठाई का नाम लेते हैं तो लोग इसका मतलब रसगुल्ला ही समझते हैं। वैसे तो ओडिशा में रसगुल्ला दो जगह का बहुत प्रसिद्ध है ए‍क है भुवनेश्वर-कटक के बीच राष्‍ट्रीय राजमार्ग पर पड़ने वाली दुकानों का नहीं तो केंद्रपाड़ा जिले के सालेपुर गांव स्थित एक मिठाई की रेस्तरां... जिसका नाम है बिकलानंद कर रसगुल्‍ला।

रसगुल्‍ले ने दी खास पहचान...

ओडिशा के इस छोटे से शहर को रसगुल्ला होटल ने ही यह विशेष पहचान दी है। यहां आने वाला हर राहगीर बिना रसगुल्‍ला खाए नहीं जाता है। वहीं प्रगति नाम की एक महिला जो भुवनेश्वर से केंद्रपाड़ा जा रही थी। उन्‍होंने खासतौर से प्लान किया था कि बिकलानंद कर रसगुल्‍ला की दुकान पर रूककर रसगुल्‍ला खाना है। इसके बाद आगे का सफर तय करना है।

रसगुल्‍ला खाने आए यात्री

प्रगति बताती है कि मैं पहले यहां कभी नहीं आई थी, मैंने लोगों से बिकलानंद कर के रसगुल्ले के बारे में बहुत सुना था। इसलिए हमने इसे अपने प्‍लान में शामिल किया और यहां रूककर रसगुल्‍ला खाया। मुझे यह रसगुल्‍ला इतना स्वादिष्ट लगा कि उसे बयां नहीं किया जा सकता है। यहां के रसगुल्ले का साइज भी इतना बड़ा है कि मैंने इसे इतना बड़ा कभी नहीं देखा था।

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दूर-दूर से राहगीर आते हैं खाने...

बिकलानंद कर की दुकान में दर्जनों किस्म के रसगुल्‍ले बनते हैं। इस रसगुल्‍ले को खाने के लिए लोगों में एक अलग सा उत्‍साह दिखाई देता है। ऐसे में दूर-दराज से लोग मिठाइयां खाने के लिए यहां आते हैं। यहां पर बनने वाले रसगुल्‍ले की साइज, किस्‍म और स्वाद का फ्लेवर अलग-अलग है।


यहां के कर्मचारी अमित कुमार त्रिपाठी बताते हैं कि हमारी यह रसगुल्ले की दुकान 65 साल पुरानी है और यहां दूर-दूर से लोग सिर्फ रसगुल्ला खाने आते हैं। हमारे यहां अलग-अलग फ्लेवर के और अलग-अलग दम के रसगुल्ले मिलते हैं। रसगुल्ला देशभर में मिलता है लेकिन जो रसगुल्ला यहां मिलेगा वह कहीं और नहीं मिल सकता।

वहीं दुकान के मालिक प्रदीप्त कुमार कर बताते हैं कि इस दुकान को मेरे पिता जी ने 17-18 साल की उम्र में खोला था। वह यहां मिठाई बनाने से पहले उसके गुणवता को ध्‍यान को चेक करते थे कि कोई सामग्री खराब न हो। इसलिए हमारी क्‍वालिटी बहुत अच्‍छी थी साथ ही पिता जी का व्‍यवहार इतना अच्‍छा था कि आज भी लोग उन्‍हें याद करते थे।


   

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