मुजफ्फरपुर: "रोज मजदूरी कर कमाते खाते हैं, इलाज कराना पड़ रहा भारी"

कई किलोमीटर दूर से आए परिजन अपने बच्चों का इलाज कराने मुजफ्फरपुर के SKMCH कॉलेज आ रहे हैं। इलाज कराने आए ज्यादातर लोग गरीब परिवार से हैं, जो रोज कमाते और खाते हैं

Chandrakant MishraChandrakant Mishra   19 Jun 2019 9:31 AM GMT

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मुजफ्फरपुर (बिहार)। ''दो दिन से बच्चे को लेकर मेडिकल कॉलेज में रुके हैं। रोज रिक्शा चलाता हूं तो 100-200 रुपए की कमाई हो जाती है, उसी से घर का खर्च भी चलता है। पूरे परिवार (4 लोग) की जिम्मेदारी मेरे ऊपर ही है। अब दो दिन से कमाई भी नहीं हो रही, अब कैसे इलाज कराएंगे, कैसे घर चलाएंगे कुछ समझ नहीं आ रहा।'' यह बात कहते हुए राजू शाह भावुक हो जाते हैं।

राजू शाह उन तमाम अभिवावकों में से एक हैं, जो चमकी बुखार से पीड़ित अपने बच्‍चों को लेकर मुजफ्फरपुर के श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (एसकेएमसीएच) पहुंचे हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से अब तक 110 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है। मुजफ्फरपुर के अलावा बिहार के अन्य जिले भी इसके चपेट में आ चुके हैं। यहां इलाज कराने आए ज्यादातर लोग गरीब परिवार से हैं, जो रोज कमाते और खाते हैं। इनमें से बहुत से ऐसे हैं जो कर्ज लेकर अपने बच्‍चों का इलाज करा रहे हैं।

मुसहरी थाना के डूमरी गांव से अपने बच्ची का इलाज कराने आए नवीन कुमार बताते हैं 'वह मजदूरी करते हैं। जबसे यहां आए हैं काम पर नहीं जा पा रहे। कमाई का अब कोई जरिया नहीं बचा है। इस परिस्थिति में उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा है कि आगे क्या करना है। परिवार में न मम्मी हैं न पापा हैं। दो भाई हैं वह भी अलग हैं।'

इलाज कराने आए ज्यादातर लोग गरीब परिवार से

चमकी बुखार ने कई मां-बाप से उनके बच्‍चों को छीन लिया है। कई दिनों से मजदूरी छोड़ अपने बच्चों का मेडिकल कॉलेज में इलाज करा रहे इन गरीब मां बाप के सामने रोजी रोटी का सवाल भी खड़ा हो गया है।

अपने बच्ची का इलाज कराने आए एक परिजन बताते हैं "रविवार (16 जून) के दिन मेरी बच्ची को चमकी बुखार हो गया। 5 बच्चे अभी घर पर हैं। उनकी देख-रेख करने वाला भी कोई नहीं है। मैं यहां आया हूं तो उनके खाने पीने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है। वह खा रहे हैं कि नहीं यह भी नहीं पता।"

वे आगे बताते हैं कि 'पांव रिक्शा चलाकर 200-300 रुपए प्रतिदिन कमा लेते हैं, अब वह भी नहीं कर पा रहे। बच्ची का इलाज कराने के लिए उन्‍होंने 5 हजार रुपए उधार लिया है। जो रुपए उधार लिए थे वह भी दवा कराने में खत्म हो गए हैं।'

इस बीच चमकी बुखार की चपेट में अब मुजफ्फरपुर से सटे जिले भी आ गये हैं। कई जिलों से बच्चों के मरने की खबर आ रही हैं। इन सब खबरों के बीच कई ऐसे परिवार भी हैं जो भूख और जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं।

ये भी पढ़ें- ये हैं 'चमकी बुखार' के लक्षण, इस घरेलू उपाय से बच सकती है आपके बच्‍चे की जान

(वैशाली से चंद्रकांत मिश्रा और अभय राज की रिपोर्ट)


    

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