एक किसान ऐसा भी: जैविक खेती कर लोगों को कर रहा है जागरूक

रासायनिक खाद और खतरनाक जहरीले कीटनाशक किस हद तक हानिकारक हो सकते हैं।ऐसा एक वाकया मध्यप्रदेश के इंदौर से देखने को मिला। कीटनाशकों के इस्तेमाल ने एक किसान को मौत के करीब तक पहुंचा दिया।

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इंंदौर(मध्यप्रदेश)। रासायनिक खाद और खतरनाक जहरीले कीटनाशक किस हद तक हानिकारक हो सकते हैं।ऐसा एक वाकया मध्यप्रदेश के इंदौर से देखने को मिला। कीटनाशकों के इस्तेमाल ने एक किसान को मौत के करीब तक पहुंचा दिया। किसान जीवन सिंह ठाकुर अपनी खेतों में रासायनिक खादों और कीटनाशकों का बेहद उपयोग करते थे। लगातार कीटनाशकों के इस्तेमाल की वजह से वह अस्थमा जैसी गंभीर बीमारी के चपेट में आ गए थे। धीरे धीरे उनकी हालात इस कदर खराब हो गई थी कि उनका चलना फिरना मुश्किल हो गया था।

खेती के मामले में नौजवानों को देते हैं मात

रासायनिक खेती से होनी वाली नुकसान को भांप कर किसान और उसके बेटे ने जैविक खेती करने की ठान ली थी। कभी अस्थमा की वजह से महज 29 किलो हो जाने के बाद जैविक खेती ने उनकी किसान जीवन सिंह ठाकुर की सेहत में सुधार ला दिया। अब रासायनिक खाद की जगह वह जैविक खाद उपयोग करते हैं। जिससे वह तमाम श्वसन संबंधी बीमारियों की वजह से वह बचे रहते हैं। आज 70 वर्ष की उम्र में उनका वजन 60 किलो है और खेतो में काम करने के मामले में वह नए नौजवानों को वह पीछे छोड़ रहे हैं।

जीवन सिंह ठाकुर के बेटे आनंद सिंह ठाकुर बताते हैं कि कुछ साल पहले उनके पिता खतरनाक जहरीली कीटनाशकों का इस्तेमाल खेतों में करते थे। लगातार कीटनाशकों का इस्तेमाल करने से अस्थमा की गंभीर बीमारी ने उनके पिता को मौत के मुंह तक पंहुचा दिया था। उनका वजन 29 किलो तक गिर गया था। शरीर साथ छोडने लगा था। बिस्तर पर ही जिंदगी गुजरने लगी थी। दो लोगों के सहारे ही वाश रुम तक भी पंहुच पाते थे। रासायनिक खेती के खतरे को समझ कर मैंने जैविक खेती की तरफ कदम बढ़ाने का निर्णय लिया है। हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को सेहतमंद खान-पान दें।

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देश के कई हिस्सो में हैं इनकी सब्जियों की मांग

किसान जीवन सिंह ठाकुर 70 वर्ष की उम्र में भी खेतों में लगातार काम करते हैं। जीवन सिंह के पास 7 एकड जमीन है। पूरा परिवार मिलकर जैविक कीटनाशक तैयार करता है और खेतों में काम कर जैविक उत्पाद तैयार कर रहा है। इनकी उगाई हुई सब्जियां, मसाले और अनाज अब देश के कई हिस्सों में जाती। इनके इलाके में भी इनकी सब्जियों की काफी मांग है।

किसान जीवन सिंह ठाकुर कहते हैं कि जैविक सब्जियों का स्वाद रासायनिक सब्जियों के तुलना में ज्यादा अच्छा होता है। हमारी सब्जियों की मांग दूर दूर तक हैं। हम आर्डर मिलने पर ही सब्जियां भेजते हैं। यहां के मंडियों में भी हमारे यहां से सब्जियां जाती है। हम जैविक खेती को लेकर लोगों में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। जब कोई हमारे जैविक खेती पर शक करता है कि ऐसा हो सकता है क्या तो हम उन्हें घर बुला कर लाकर कर दिखाते है, तो उन्हें विश्वास होता है।

    

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