1 साल में खराब सड़कों ने निगलीं 10 हजार से ज्यादा जिन्दगियां

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नई दिल्ली। भारत में बीते साल गड्ढों, स्पीड ब्रेकर्स और खराब सड़कों की वजह से कुल 10,876 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। जबकि इन घटनाओं में सड़क के गड्ढों के कारण मरने वालों की संख्या में 2014 के मुक़ाबले पिछले साल 2015 में कमी आई थी। 2014 में जहां ये संख्या 3,416 थी वहीं 2015 में ये घटकर 3,039 कम हो गईं।

सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक़ सड़क दुर्घटना के अन्तर्गत महाराष्ट्र की सड़कों में होने वाले गड्ढों की वजह से मरने वालों की संख्या में 7 गुना से ज्यादा का भारी इज़ाफ़ा होता है। वहीं एक गौर करने वाली बात ये है कि जो उत्तर प्रदेश बेकार सड़कों के लिए जाना जाता है, वहां साल 2015 में 2014 की तुलना में 50% तक की कमी आई है। और अगर बात करें दिल्ली की जहां शनिवार शाम को एक बाइक सवार की सड़क के गड्ढे की वजह से मौत हो गई, उसी दिल्ली में साल 2015 में इस वजह से 2 मौत हुई।

सड़क परिवहन मंत्रालय के मुताबिक़ 2015 में देशभर में सड़क के गड्ढों के कारण मरने वालों की कुल संख्या 10,876 है। ये आंकड़ा भी और अधिक भी हो सकता है क्योंकि मंत्रालय के पास आंकड़ों के लिए कोई मजबूत और वैज्ञानिक तरीका नहीं है। सरकारी विभागों के इंजीनियर्स का कहना है कि जब शहरों में हमारे पास बेहतर ड्रैनेज सिस्टम होगा, तब हम सड़कों में मौजूद गड्ढों को सही कर सकते हैं।

साथ ही ऐसी घटनाओं में ट्रैफिक पुलिस की नाकामी भी बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है। सड़क परिवहन मंत्रालय द्वारा सड़क नियन्त्रण के नियम के नियम बनाए गए हैं जिनको निभाना हम सभी की जिम्मेदारी है।

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