मड़ावरा (ललितपुर)। राशनकार्ड, रसोईगैस कनेक्शन, बैंक बचत खाता, राशनकार्ड बनवाने आदि जैसी सुविधाओं के लिये आवश्यक दस्तावेज के रूप में मान्य आधारकार्ड बनाने के नाम पर ग्रामीणों को ठगी का शिकार बनाया जा रहा है।
विभिन्न सरकारी योजनाओं के लाभ प्राप्त करने में भी आधारकार्ड एक महत्वपूर्ण दस्तावेज की मान्यता दिये जाने से अधिकांश ग्रामीण अपना आधारकार्ड बनवाने के लिये उतावले है लेकिन मड़ावरा में संचालित आधारकार्ड बनाने वाली कुछ संस्थाओं द्वारा ग्रामीणों से अवैध वसूली की जा रही है और साथ ही उनके आधारकार्ड भी जनरेट नहीं हो रहे है जिससे उन्हें आर्थिक नुकसान के साथ-साथ मानसिक परेशानी भी उठानी पड़ रही है।
कस्बा निवासी सुकपाल विश्वकर्मा इस बारे में बताते हैं, ”मैं अपनी पत्नि का आधारकार्ड बनवाने के लिये तीन बार पंजीयन करवा चुका हूं, फिर भी आजतक उन्हें कोई भी आधारकार्ड नहीं प्राप्त हो सका और साथ ही नेट पर भी उनका आधार नम्बर जनरेट नहीं हो सका।” सुकपाल आगे बताते हैं, ”आधार पंजीयन के नाम पर कस्बे में ग्रामीणों से 30-50 रुपए तक वसूले जा रहे है।” वहीं ग्राम रनगाँव निवासी वंशीलाल कुशवाहा बताते हैं, ”मैंने भी अपना और अपनी पत्नि मुलादेवी तथा पुत्र अजय कुमार का तीन-तीन बार आधार पंजीयन करवाया जिसके एवज में हर बार 30-30 रुपए भी दिये लेकिन आजतक उन्हें भी अपना आधारकार्ड प्राप्त नहीं हो सका।”
ग्रामीणों के आधारकार्ड नहीं मिलने के बारे में कस्बे में पंजीकृत एजेन्सी के संचालक संतोष कुमार पाल बताते हैं, ”कस्बे समेत क्षेत्र में कुछ लोगों द्वारा फर्जी तरीके से लोगों का आधार पंजीयन किया जा रहा है जिसमें कुछ मध्यप्रदेश में पंजीकृत एजेन्सी की नाम पर अवैध रूप से पंजीयन कर लोगों से अवैध पैसा वसूल रहे हैं, जिसके चलते लोगों को पेरशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में महत्वपूर्ण दस्तावेज का दर्जा प्राप्त कर चुके आधारकार्ड बनवाने के लिये पंजीकृत संस्था द्वारा गाँव-गाँव जाकर शिविर लगाकर ग्रामीणों का पंजीयन कराया जाए, साथ ही क्षेत्र में घूम रहे फर्जी एजेन्सी संचालकों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जरूरत है।”
रिपोर्टिंग – इमरान खान