करौंदा
इस वक्त बाजार में करौंदा भी आ चुका है। करौंदा का जूस (250 मिली) तैयार किया जाए, इसमें शक्कर और इलायची भी डाल दी जाए और लू से ग्रस्त रोगी को दिन में कम से कम 3 बार दिया जाए तो लू का असर कम हो जाता है।
नारियल पानी
डॉग गुजरात के आदिवासियों के मुताबिक़ कच्चे नारियल का पानी लू, बुखार और कमजोरी आने पर पिलाया जाना चाहिए। रोज़ाना सुबह शाम तीन दिनों तक पीने से राहत मिलती है।
बेल का रस
बेल के फलों का जूस लू और लू के बाद आए बुखार को नियंत्रित करने में बेहद कारगर होता है। बेल के रस में शक्कर और इलायची मिलाकर रोगी को दिया जाए तो असरकारक होता है।
आम पना
कच्चे आम का पना भी लू और गर्मियों के थपेड़ों से बचने का एक कारगर देसी फार्मूला है। कच्चे आम को पानी में उबाला जाता है और इसे मैश करके इसमें पुदीना रस, जीरा, काली मिर्च, चुटकी भर नमक और स्वादानुसार शक्कर मिलाकर ठंडा किया जाता है। एक ग्लास रस का सेवन करने से लू की समस्या में राहत मिल जाती है और ये पारंपरिक पेय स्वाद में भी अव्वल होता है।