लखनऊ। जून और आधा जुलाई बीतने के बाद में आखिरकार राजधानी को मेघों ने मन भर भिगोया। लगभग पूरे शहर में हुई मानसून की ये दूसरीबारिश है। पूरे देश में बरसात से बाढ़ की स्थिति बनी हुई है मगर राजधानी के लोग शनिवार से पहले तक बस छिटपुट बारिश के ही गवाह बन सके। मौसम विभाग का कहना है कि बारिश का सिस्टम अब मध्य उत्तर प्रदेश के ऊपर भी बन रहा है। ऐसे में राजधानी अब खूब भीगेगी। साथ ही आस-पास के जिले बारिश से सराबोर होंगे। कृषि वैज्ञानिक और जानकार इसे किसानों के लिए फायदेमंद बता रहे हैं।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेश जेपी गुप्ता ने बताया, “सेंट्रल यूपी के ऊपर अब हमको बारिश का बेहतरीन सिस्टम बनता दिख रहा है, जिसका असर लखनऊ सहित सेंट्रल यूपी के कई ज़िलों में दिखेगा। जिस तरह की बारिश अब तक देश और प्रदेश के दूसरे हिस्सों में हो रही है, अब यहां भी होगी।”
लखनऊ में पिछले कुछ वर्षों के मुकाबले जून और जुलाई में बारिश कम ही रही। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 2012 के जून में जब अच्छी बारिश हुई थी तब जून में 284 मिली मीटर बारिश हुई थी। वहीं इस वर्ष जून में औसत बारिश 115 मिलीमीटर ही हुई थी। 2013, 14 और 15 में लगभग सूखे की स्थिति रहने की वजह से बारिश वर्तमान वर्ष से औसतन कम रही थी। अगर बात जुलाई 2012 की करे तो तब 372 मिमी बारिश हुई थी। जबकि पिछले वर्ष 204 ही मिमी बारिश हुई थी। जबकि इस साल अब तक केवल 150 मिमी बारिश ही दर्ज की गई है। मौसम निदेशालय का अनुमान है कि अब लखनऊ, कानपुर और आसपास के मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों में बढ़िया बारिश होगी। अगले 15 दिन में बारिश का असर यहां भी दिखेगा।