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अब थानों में दर्ज होगी ऑनलाइन शिकायत

India

कानपुर। अभी तक पुलिस थानों में सिर्फ एफआईआर ही ऑनलाइन हो रही थी। लेकिन अब थानों में कवरेज अप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (सीएएस) पर दर्ज होने वाली एफआईआर पुलिस लिंक से जुड़ते ही ऑनलाइन होने के साथ ही थानों में लिखापढ़ी का सारा काम भी कंप्यूटर पर ही होने लगा है। इससे थाने एक तरह से पेपरलेस हो गए हैं।

क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम (सीसीटीएनएस) के तहत पहली मई से स्थानीय नेटवर्क पर जीडी, विवेचना, एफआर से लेकर थानों में तैयार होने वाले दस्तावेज (अपराध व कार्यालय संबंधी) भी अपलोड किए जा रहे हैं। सीसीटीएनएस के प्रभारी एसपी पश्चिम सचिंद्र पटेल के आदेश पर सभी सीओ कार्यालय पर थानों से एफआईआर रजिस्टर की तरह विवेचना जिल्द, जीडी व आरोपियों की गिरफ्तारी व माल बरामदगी जैसे रजिस्टर जमा करा लिए गए हैं।

मुंशी तक की बनी आईडी

थानों पर तैनात थानेदार से लेकर मुंशी तक सभी की पीएनओ नंबर से आईडी तैयार कर दी गई है, ताकि इस आईडी के आधार पर वह लिखापढ़ी का सारा काम सीधे सीसीटीएनएस के सिस्टम पर आसानी से कर सकें।

थानेदार का काम भी डिजिटल

थानेदार के सीयूजी नंबर से बनी आईडी पर थाने में दर्ज होने वाली सभी एफआईआर से लेकर हर डिजिटल रजिस्टर का ब्यौरा उपलब्ध होगा। इसे वह कभी भी देख सकेंगे। एफआईआर की विवेचना भी कंप्यूटर से थाने में तैनात दरोगा को देंगे।

सभी को सीखनी होगी टाइपिंग

थाने पेपरलेस होने से उन दरोगा व मुंशी के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है, जो कंप्यूटर पर काम करना नहीं जानते। सभी दरोगा व मुंशी को एक सप्ताह में टाइपिंग सीखने के निर्देश जारी किए गए हैं।

कलक्टरगंज थाना सबसे आगे

एक से तीन मई तक के कामकाज के आंकड़ों पर नजर डालें तो थाने की जीडी (जरनल डायरी) कवरेज अप्लीकेशन साफ्टवेयर (सीएएस) पर सबसे ज्यादा कलक्टरगंज ने अपडेट की है। काकादेव दूसरे व स्वरूपनगर थाना तीसरे स्थान पर रहा है।

हर थाने में दो ऑपरेटर

थाने पर एफआईआर से लेकर एफआर तक की सारी लिखापढ़ी कंप्यूटर के जरिए पुलिस साफ्टवेयर पर अपडेट किए जाने की शुरुआत हो चुकी है। इस काम में थानेदार व मुंशी का सहयोग करने के लिए हर थाने में दो से तीन कंप्यूटर आपरेटर की तैनाती की गई है। इसके साथ ही हर सर्किल में एक सीनियर आपरेटर भी तैनात किया गया है।

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