अच्छा संगीत भाषा से परे: राज्यपाल

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अच्छा संगीत भाषा से परे: राज्यपालgaonconnection

लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने नौशाद संगीत केन्द्र तथा हिन्दी-उर्दू साहित्य अवार्ड कमेटी द्वारा आयोजित समारोह में गजल गायक की जोड़ी अहमद हुसैन एवं मोहम्मद हुसैन को प्रशस्ति पत्र, शाल व एक लाख की धनराशि देकर सम्मानित किया। 

संत गाडगे प्रेक्षागृह में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा कि संगीत की कोई भाषा नहीं होती है पर उसका स्वर एक ही होता है। अच्छा संगीत शब्द और भाषा से परे है। संगीत आत्मा की भाषा है। उन्होंने सम्मान प्राप्त अहमद हुसैन एवं मोहम्मद हुसैन को बधाई देते हुए कहा कि संगीत में जोड़ी सामूहिक योगदान से बनती है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह जोड़ी सूफी संगीत को एक नई दिशा ले जाने में कामयाब होगी। मशहूर संगीतकार स्व. नौशाद साहब को याद करते हुए कहा कि नौशाद साहब का कार्यक्षेत्र तो मुंबई था लेकिन वे लखनऊ को कभी नहीं भूले। 

वे शास्त्रीय रागों पर आधारित उच्च कोटि के भारतीय संगीत पर विश्वास करते थे। लखनऊ की चर्चा करते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस नगरी में बिन्दादीन, लच्छू महाराज, शम्भू महाराज आदि ने कथक नृत्य, बेगम अख्तर जैसी व्यक्तित्व ने गजल गायिकी तो नौशाल अली ने भारतीय संगीत को बुलंदी पर पहुंचाकर लखनऊ का नाम रोशन किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली राजनैतिक राजधानी है, मुंबई आर्थिक राजधानी है, काशी सांस्कृतिक राजधानी है तो लखनऊ कला की नगरी है।

राज्यपाल ने इस अवसर पर वाहिद अली वाहिद की काव्य पुस्तक ‘आओ नया कलाम लिखे‘ का विमोचन किया। संगोष्ठी में मातृभाषा तमिल और अंग्रेज़ी में लिखी उनकी लगभग दो सौ काव्य रचनाओं में मेरी मां और अग्नि...शीर्षक कविता की चर्चा भी की गयी। संगोष्ठी के अध्यक्षीय वक्तव्य में नेशनल काउंसिल फार प्रमोशन आफ उर्दू लैंग्वेज के निदेशक डा. ईतिजा करीम ने उन्हें चमत्कारिक व्यक्तित्व का स्वामी और प्रेरणास्रोत बताया।

 

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