अघोषित आय का खुलासा 30 सितम्बर तक करें: मोदी

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अघोषित आय का खुलासा 30 सितम्बर तक करें: मोदीgaonconnection

नई दिल्ली (भाषा)। कालेधन के मुद्दे पर अपनी सरकार के सख़्त रुख को दोहराते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि अघोषित आय रखने वाले लोगों के पास 30 सितम्बर तक अपनी आय का खुलासा करने का आखिरी मौका है और ऐसा नहीं करने वालों को बाद में तकलीफ का सामना करना पड़ सकता है।

मोदी ने आज ‘मन की बात' में कहा, ‘‘जिन लोगों के पास अघोषित आय है उनके लिए भारत सरकार ने एक मौका दिया है कि आप अपनी अघोषित आय को घोषित कर दें। सरकार ने अघोषित आय को घोषित करने की विशेष सुविधा देश के सामने पेश की है। जुर्माना देकर अनेक प्रकार के बोझ से मुक्त हुआ जा सकता है।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ये भी वादा किया है कि स्वेच्छा से जो अपनी मिल्कियत के सम्बन्ध में, अघोषित आय के सम्बन्ध में सरकार को अपनी जानकारी दे देंगे, सरकार उनकी किसी भी प्रकार की जांच नहीं करेगी। इतना धन कहां से आया, कैसे आया- एक बार भी पूछा नहीं जाएगा। इसलिए मैं कहता हूं कि अच्छा मौका है कि आप एक पारदर्शी व्यवस्था का हिस्सा बन जाइए।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं देशवासियों से कहना भी चाहता हूं कि 30 सितम्बर तक की ये योजना है, इसको एक आखिरी मौका मान लीजिए। मैंने बीच में हमारे सांसदों को भी कहा था कि 30 सितम्बर के बाद अगर किसी नागरिक को तकलीफ हो, जो सरकारी नियमों से जुड़ना नही चाहता है, तो उनकी कोई मदद नही हो सकेगी। 30 सितम्बर के बाद ऐसा कुछ भी ना हो, जिससे आपको कोई तकलीफ हो। इसलिए भी मैं कहता हूं, अच्छा होगा कि 30 सितम्बर के पहले आप इस व्यवस्था का लाभ उठाए और 30 सितम्बर के बाद संभावित तकलीफों से अपने-आप को बचा लें।

मोदी ने कहा, ‘‘एक जमाना था, जब कर इतने ज्यादा हुआ करते थे कि कर की चोरी करना स्वभाव बन गया था। एक जमाना था, विदेश की चीजों को लाने के संबंध में कई बाधाएं थीं, तो तस्करी भी उतनी ही बढ़ जाती थी। पर धीरे-धीरे वक्त बदलता गया है। अब करदाता को सरकार की कर-व्यवस्था से जोड़ना अधिक मुश्किल काम नहीं है, लेकिन फिर भी पुरानी आदत नहीं जाती है, मैं आज आपसे आग्रह करना चाहता हूं कि हम स्वयं अपनी आय के सम्बन्ध में, अपनी संपत्ति के सम्बन्ध में, सरकार को अपना सही-सही ब्यौरा दें।''

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे देशवासियो, आज ये बात मुझे ‘मन की बात' में इसलिए करनी पड़ी कि अभी मैंने हमारे जो राजस्व विभाग -आयकर, सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क- उनके सभी अधिकारियों के साथ एक दो-दिन का ज्ञान-संगम किया, बहुत विचार-विमर्श किया। मैंने उनको साफ-साफ शब्दों में कहा है कि हम नागरिकों को चोर न मानें। हम नागरिकों पर भरोसा करें, विश्वास करें। अगर वे नियमों से जुड़ना चाहते हैं, उनको प्रोत्साहित करके प्यार से साथ में ले आए। एक विश्वास का माहौल पैदा करना आवश्यक है। हमारे आचरण से हमें बदलाव लाना होगा।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आप में से कोई इस बात पर विश्वास नहीं करेगा कि सवा-सौ करोड़ के देश में सिर्फ और सिर्फ डेढ़ लाख लोग ही ऐसे हैं, जिनकी कर योग्य आय पचास लाख रुपये से ज्यादा है। ये बात किसी के गले उतरने वाली नहीं है। पचास लाख से ज्यादा कर योग्य आय वाले लोग शहरों में लाखों की तादाद मे दिखते हैं। एक-एक करोड़, दो-दो करोड़ के बंगले देखते ही पता चलता है कि ये कैसे पचास लाख से कम आय के दायरे में हो सकते हैं। इसका मतलब कुछ तो गड़बड़ है। इस स्थिति को बदलना है और 30 सितम्बर के पहले बदलना है।''

उन्होंने कहा, ‘‘सरकार को कोई कठोर कदम उठाने से पहले जनता-जनार्दन को अवसर देना चाहिए और इसलिए अघोषित आय को घोषित करने का एक स्वर्णिम अवसर है। दूसरे प्रकार से, 30 सितम्बर के बाद होने वाले संकटों से मुक्ति का एक मार्ग है। मैं देश की भलाई के लिये, देश के गरीबों के कल्याण के लिये आपसे इस काम में आने के लिए आग्रह करता हूं। मैं नही चाहता कि 30 सितम्बर के बाद आपको कोई तकलीफ हो।''

गैस सब्सिडी छोड़ने की अपनी अपील के असर का उल्लेख करते हुए मोदी ने कुछ ऐसे लोगों की मिसाल दी जो सरकार की विकास से जुड़ी योजनाओं में योगदान देकर अनोखी पहल की है।

 

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