वाशिंगटन (भाषा)। जीव विज्ञान के लिए अनिवार्य माना जाने वाले एक जटिल कार्बनिक अणु पहली बार अंतरिक्ष में तारों के बीच पाया गया है। यह खोज इस बात को समझने में मददगार हो सकती है कि ब्रह्मांड में जीवन की उत्पत्ति कैसे हुई है।
इंसान के हाथों के जोड़े की तरह, कुछ कार्बनिक अणु अपना ही प्रतिबिंब जान पड़ते हैं। यह एक विशेष रासायनिक गुण होता है, जिसे काइरेलिटी कहते हैं। ये अणु जीव विज्ञान के लिए अनिवार्य होते हैं और पृथ्वी पर पाए जाने वाले उल्कापिंडों में और सौरमंडल में पाए जाने वाले धूमकेतुओं में पाए जाते हैं।
बहरहाल, अंतरिक्ष में इतनी अधिक गहराई पर ऐसे किसी अणु की पहचान अब तक नहीं की गई। वैज्ञानिकों ने बेहद संवेदनशील रेडियो दूरबीनों का इस्तेमाल करके अंतरातारकीय अंतरिक्ष में पहला जटिल कार्बनिक काइरल अणु खोजा है। इस अणु का नाम प्रोपीलीन ऑक्साइड है और यह हमारे तारामंडल के केंद्र में मिला था।
अमेरिका में नेशनल रेडियो एस्ट्रोनॉमी ऑब्जर्वेटरी के पोस्ट डॉक्टरल फैलो ब्रेट मैक्गेयर ने कहा, ‘‘अंतरतारकीय अंतरिक्ष में पाया गया यह ऐसा पहला अणु है, जिसमें काइरेलिटी का गुण है। यह ‘प्रीबायोटिक’ अणुओं के निर्माण को और जीवन की उत्पत्ति पर पड़ सकने वाले इनके प्रभाव को समझने की दिशा में हमारा कदम है।” यह अनुसंधान जर्नल ‘साइंस’ में प्रकाशित हुआ।