लखनऊ। लखनऊ जनपद न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार के मार्गनिर्देशन में अन्तर्राष्ट्रीय बालश्रम प्रतिषेध दिवस के अवसर पर जनपद न्यायालय के सभागार में कार्यशाला एवं संगोष्ठी का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्रम विभाग तथा चाइल्ड लाइन-1098 के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
जनपद न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार ने कहा कि बच्चों के उत्थान, संरक्षण तथा बाल श्रम उन्मूलन से जुड़ी संस्थाओं एवं विभाग के अधिकारी एवं एजेन्सी ईमानदारी से कार्य करें तो सार्थक परिणाम आयेंगे। उन्होंने कहा कि परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाया जाना जरूरी है। गरीब परिवारों के बच्चों को विकास की मुख्यधारा में लाने के लिए शासन द्वारा संचालित की जा रही जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पूर्ण ईमानदारी के साथ उन्हें उपलब्ध कराया जाए।
प्रत्येक परिवार के अभिभावकों/मुखिया को यह समझाया जाए कि वे बच्चों को बाल मजदूरी की तरफ न बढ़ने दें। जनपद न्यायाधीश वीरेन्द्र कुमार ने यह भी कहा कि अभिभावक अपने बच्चों की मनोभावनाओं को समझें तथा बच्चों की अभिरुचि के अनुसार उन्हें शिक्षित करें और आगे बढ़ने में पूर्ण सहयोग करें। बच्चों पर जबरदस्ती अपनी इच्छा न थोपें और जिस विषय में उनकी रूचि हो उसे ही पढ़ने दें। बच्चों का मनोबल बढ़ाते हुए उनको आगे बढ़ाने में पूर्ण सहयोग करें।
सीजेएम संध्या श्रीवास्तव ने कहा कि बाल श्रम मजदूरी से सम्बन्धित लंबित मुकदमों में प्रभावी पैरवी सुनिश्चित कराने और उनके निस्तारण की बात कही।