कछौना (हरदोई)। दिल्ली-लखनऊ रेलवे मार्ग के अहम स्टेशन बालामऊ जंक्शन बस कहने भर के लिए जंक्शन है, यहां पर व्यवस्था किसी छोटे स्टेशन से भी बदतर है। जबकि इस स्टेशन से हर दिन हजारों की संख्या में लोग ट्रेन पकड़ते हैं।
कछौना के रहने वाले रमेश गुप्ता (35 वर्ष) लखनऊ में नौकरी करते हैं। वो कहते हैं, “स्टेशन पर गंदगी फैली रहती है। कभी-कभी तो रात में स्टेशन पर लाइट भी नहीं जलती है, स्टेशन पर जगह-जगह पर गड्ढे हैं, जिससे कई बार यात्रियों को चोट लग जाती है।”
जंक्शन पर दो फुट ओवर ब्रिज बनाए गए हैं, एक ब्रिज तो कई साल पुराना है और पूरी तरह से जर्जर हो गया है। बालामऊ जंक्शन पर हर महीने अमावस्या और पूर्णिमा पर नैमिषारण्य तीर्थ जाने वाले हजारों श्रद्धालुओं यहीं से ट्रेन पकड़ते हैं। इसके साथ कानपुर में गंगा स्नान के लिए भी बड़ी संख्या में लोग भी यहीं से जाते हैं।
कछौना के रमेश चन्द्र (40 वर्ष) बताते हैं, “स्टेशन का शौचालय भी कई हफ्तों तक नहीं साफ किया जाता है, महिलाओं को बहुत परेशानी हो जाती है। सफाई कर्मी भी सिर्फ एक नंबर प्लेटफार्म की सफाई करते हैं, बाकी से कोई मतलब ही नहीं।”
यही नहीं प्लेटफार्म बदलने की सूचना कभी भी बदल दी जाती है। इसके कारण यात्रियों में अफरा-तफरी मच जाती है। इतना ही नहीं जर्जर फुट ओवर ब्रिज पर भीड़ बढ़ जाती है। जल्दबाजी में लोग पटरी फांद कर प्लेटफार्म बदलने का प्रयास करते हैं और दुर्घटना का शिकार हो जाते हैं। प्लेटफार्म पर छुट्टा जानवर घूमते रहते हैं, जानवर पूरे प्लेटफार्म पर गंदगी फैलाते रहते हैं।
इस बारे में स्टेशन अधीक्षक जेएन मिश्रा कहते हैं, “ऐसा नहीं सफाई कर्मी नियमित प्लेटफार्म की सफाई करता है, आने-जाने वाले लोग ही गंदगी फैला देते हैं। फुट ओवर ब्रिज पुराना है, लेकिन इतना कमजोर नहीं हुआ है, समय-समय पर इसकी मरम्मत भी की जाती है।”
स्वयं वालेंटियर: शगुन गुप्ता
स्कूल: जानकी प्रसाद इंटर कालेज
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क