बांदा के डीएम को 20 मिनट कड़ी धूप में क्यों खड़ा होना पड़ा?

Arvind ShukklaArvind Shukkla   29 May 2016 5:30 AM GMT

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बांदा के डीएम को 20 मिनट कड़ी धूप में क्यों खड़ा होना पड़ा?गाँव कनेक्शन

बांदा। महिला को मिली लोहिया आवास की पहली किस्त में गड़बड़ी का शक होने पर जिलाधिकारी शनिवार को करीब 20 मिनट तक उसी घर के सामने कड़ी धूप में खड़े रहे। प्रधान और ग्रामीण डीएम से छांव में जाने की गुजारिश करते रहे लेकिन डीएम ने साफ कह दिया, “जब तक वो महिला की पासबुक नहीं देख लेते, यहां से नहीं हटेंगे।”

शनिवार को डीएम योगेश कुमार अधिकारियों के साथ जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर महुआ ब्लॉक के गांव कल्हर में दौरे को पहुंचे थे।चौपाल लगाकर डीएम ने पहले तो आवास, राशन कार्ड, पेंशन समेत दूसरे तमाम योजनाओं और उनके लाभार्थियों के नाम लिए, फिर मौके पर ही उसने हाथ उठवाकर पुष्टि की। 

इस दौरान शौचालय आवटंन में गड़बड़ी पर सचिव को सस्पेंड करने के निर्देश दिए। साथ ही रूरल इंजीनियरिंग विभाग के सहायक और अवर अभियंता को प्रतिकूल प्रविष्टि दी।  चौपाल के बाद गांव में निरीक्षण करने पहुंचे डीएम ने निर्माणाधीन लोहिया आवास की लाभार्थी रूबी से पूछा कि उन्हें पहली किस्त में कितने रुपये मिले हैं, रुबी संतोष जनक जवाब नहीं दे पाईं, जिसके डीएम ने कहा, “लाभार्थी को पता नहीं पहली किस्त में कितने पैसे मिले हैं, तो इसमें कहीं दलाली तो नहीं हुई। 

इसलिए मुझे पासबुक दिखाइए।” महिला काफी देर तक पासबुक नहीं ला सकी तो प्रधान और उसके घरवालों ने टालमटोल की तो डीएम ने कड़े शब्दों में कहा कि जब तक पासबुक नहीं मिल जाती मैं यहीं खड़ा हूं।सख्ती देख महिला के पति ने हिसाब दिया कि पहली किस्त में मिले तो एक लाख 35 हजार रुपये थे, लेकिन निकाले 80 हजार हैं, बाकी पैसे बैंक में हैं। जवाब से संतुष्ट होने पर डीएम आगे बढ़ गए।

 

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