लखनऊ। टीबी जैसी घातक बीमारी से बचाव के लिए नवजातों को जन्म के 24 घंटों के भीतर लगने वाला बीसीजी का टीका सरकारी अस्पतालों में समय पर नहीं लगाया जा रहा।
कैसरबाग स्थित नगरीय स्वास्थ्य केंद्र रेडक्रास में भर्ती खदरा निवासी प्रसूता रेहाना ने बताया कि उसे चार दिन पहले सामान्य प्रसव से बच्चा हुआ है। अभी तक बीसीजी का टीका नहीं लगा है। रेहाना के बच्चे के जन्म के बाद ही अस्तपताल द्वारा दिया गया टीकाकारण का पर्चा भी चार दिन बाद तक खाली है।
वहीं अमेठी से आई प्रसूता शीबा ने बताया कि दो दिन बीत जाने के बाद भी उनके बच्चे को बीसीजी का टीका नहीं लगाया गया है। रेडक्रास की तरह ही डफरिन अस्पताल में भी टीके नहीं लगे।
डफरिन में भर्ती एक प्रसूता की मां सावित्री व दूसरी तीमारदार कंचन ने बताया कि बच्चा हुए चार दिन हो जाने के उपरांत अभी तक बीसीजी का टीका नहीं लगाया गया है।
सरकारी अस्पतालों पर एक बड़ी जनसंख्या अच्छे इलाज के लिए आश्रित होती है लेकिन वहां हो रही इस तरह की लापरवाही बच्चों का भविष्य खराब कर सकती है।
इस मामले पर नगरीय स्वास्थ्य केंद्र रेडक्रास में प्रतिरक्षण अधिकारी रमाकांत ने प्रसूताओं की शिकायता को झुठलाते हुए कहा कि अस्पताल में जन्म लेने वाले बच्चों को तुरंत यह टीका लगाया जा रहा है।
रिपोर्टर – ज्योत्सना सिंह