मलिहाबाद-लखनऊ। पुलिस महानिदेशक जावीद अहमद भले ही अवैध शराब बनाने और बिक्री करने के विरोध में सख़्त हों लेकिन स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की साठगांठ से कच्ची शराब बनाने का अवैध कारोबार जारी है।
इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी ने सख़्त आदेश जारी करते हुए कारोबारियों पर गैंगस्टर तक लगाने का निर्देश दिए हैं। साथ ही संलिप्त पुलिसकर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई करने को कहा है, लेकिन अवैध शराब के इस गोरखधंधे में शामिल पुलिसकर्मियों के कारण इसके कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
क्षेत्र में पिछले वर्ष 11 जनवरी को निर्मित जहरीली शराब से ग्राम दतली, खड़ता, अटौरा, रामपुर, बिराहिमपुर, पहाड़पुर व ढेढ़ेमऊ सहित उन्नाव जिले के कई गाँवों में 52 लोगों की मौत हुई थी। ऐसा ही काण्ड प्रदेश के एटा जिले में अभी हाल में ही हुआ। इन हादसों से पुलिस ने कोई सबक नहीं लिया। क्षेत्र के ग्राम घोला, औलियाखेड़ा, तिलकखेड़ा, शेरनगर, जानकीनगर, मधवापुर, हासिमपुर, गोपालपुर, बिराहिमपुर, रामनगर, मुड़ियारा, लुधौसी और सिरगामऊ सहित अनेक गाँवों में अवैध शराब बनाने का धंधा लगातार जारी है।
अवैध शराब के कारोबारी अपने घरों के अतिरिक्त बागों में छिपकर नशीली शराब बना रहे हैं। कारोबारी ग्राहकों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए बनी अवैध शराब में केमिकल मिलाकर उसे अधिक नशीली बनाने का प्रयास करते हैं। साथ ही यूरिया खाद जैसे रसायनिक पदार्थ मिलाकर अवैध शराब का निर्माण किया जाता है। यह शराब निर्माता प्लास्टिक के कैनों और बोतलों मे बनी अवैध जहरीली शराब भरकर झाड़ियों और बागों में जमीन खोद कर छिपा देते हैं। कारोबारी इसका व्यापार शहर के आसपास के मोहल्लों और पड़ोसी जिलों मे करते हैं।
रिपोर्टर – सुरेन्द्र कुमार