बरसात में टापू की शक्ल लेंगी फोरलेन किनारे बसीं बस्तियां

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बरसात में टापू की शक्ल लेंगी फोरलेन किनारे बसीं बस्तियांgaonconnection

उन्नाव। बरसात का मौसम आने को है। मौसम विभाग की माने तो इस बार मानसून जोरदार आने की सम्भावना है, लेकिन क्षेत्र में जल निकासी के समुचित प्रबंध न होने से लोगों में चिंता व्याप्त है। फोरलेन निर्माण के चलते सड़क के दोनों छोरों पर बने नाले ध्वस्त किए जा चुके हैं। जिनके बनने का काम अभी तक नहीं शुरू हुआ। ऐसी स्थिति में बारिश होने पर क्षेत्र में भीषण जलभराव की समस्या उत्पन्न होने की सम्भावना से इंकार नहीं किया जा सकता। जबकि प्रशासन ने इस ओर उदासीन रुख अपना रखा है, जिससे लोगों में रोष पनप रहा है।

मालूम हो कि उन्नाव-शुक्लागंज मार्ग को फोरलेन में तब्दील किये जाने के चलते सड़क के दोनों छोरों पर पड़ने वाले नाले ध्वस्त कर दिये गये थे। सड़क का निर्माण शुरू हो चुका है अधिकतर स्थानों पर सड़क निर्माण का लगभग 50 फीसदी से अधिक काम भी हो चुका है। लेकिन सड़क निर्माण से पहले जो काम कराया जाना चाहिए था, उस काम का अभी तक क्षेत्र में श्रीगणेश भी नहीं हुआ है और तो और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को यह तक नहीं मालूम कि इस काम को आखिर करायेगा कौन।

बताते चलें कि क्षेत्र में अकरमपुर तक नगर पालिका है। लेकिन इसके आगे का हिस्सा मगरवारा ग्राम पंचायत का है। शुक्लागंज और उन्नाव शहर में तो नाला निर्माण का काम सम्बन्धित नगर पालिका ने शुरू करा दिया है। लेकिन अकरमपुर और मगरवारा में अभी स्थितियां जस की तस हैं। आलम यह है कि नालों में दूषित पानी का निकास बंद होने के कारण गलियों में नालियों का गंदा पानी भरा हुआ है। मगरवारा बाजार में भी यही स्थिति है यहां डाकघर के सामने मुख्यबाजार में गंदा पानी भरा है। ग्राम प्रधान गोवर्धन सिंह ने बताया, “यह नाली मुख्य सड़क के नाले में जाकर गिरती थी।

नाला ध्वस्त होने के बाद से पानी की निकासी का रास्ता नहीं मिल पा रहा है।” उनसे जब ये पूछा गया कि नाला निर्माण क्यों नहीं कराया जा रहा तो उनका जवाब था कि मेरे पास नाला बनवाने के कोई निर्देश नहीं है। शायद सड़क बनवाने वाली संस्था ही नाला बनवाएगी। उधर, नगर पालिका क्षेत्र में भी कमोबेश जलभराव की यही स्थितियां बनी हुई हैं। स्थानीय लोगों को बारिश के दौरान भीषण जलभराव की समस्या का भय सता रहा है। स्थनीय निवासी जगजीवन बताते हैं, “पहले से गलियां दूषित पानी से भरी हैं ऐसे में बारिश के दिनों स्थितियां बद से बदतर हो जाएगी। बारिश के दिनों में क्षेत्र में महामारी फैलने का भय सता रहा है।”

 

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