लखनऊ। प्राणी उद्यान लखनऊ में एक हफ्ते (25 दिसम्बर से 1 जनवरी) में लगभग एक लाख दर्शक आए। इससे चिड़ियाघर प्रशासन को लाखों रुपए का फायदा हुआ।
लखनऊ प्राणि उद्यान के नरही स्थित मुख्य द्वार पर बनाए गए फव्वारे के साथ दर्शकों ने खूब फोटो खींची। बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता ने बाल रेल की सवारी का भी खूब आनंद उठाया। दर्शकों ने बब्बर शेर, जिराफ, जेब्रा, टाइगर एवं हिरन के मॉडलों के साथ फोटो खीची।
शनिवार 2 जनवरी को प्राणी उद्यान में रिकार्ड भीड़ रही। इस दौरान लगभग 22,000 से भी अधिक लोग प्राणि उद्यान की सैर करने आए। जबकि पिछले वर्ष एक जनवरी 2015 में लगभग 15000 हजार दर्शक प्राणी उद्यान घूमने आए थे। वही बीते 25
दिसम्बर 2015 (क्रिसमस डे) के अवसर पर को प्राणी उद्यान में कुल 19,248 दर्शक आए। 25 दिसम्बर, 2014 को लगभग 14,100 दर्शक आए थे। साथ ही 18 जुलाई 2015 को ईद के अवसर पर 12,800 दर्शकों ने प्राणि उद्यान की सैर की थी। ईद के अवसर पर तीन दिनों में कुल 50,000 दर्शकों ने प्राणी उद्यान की सैर की थी जो कि प्राणी उद्यान के इतिहास में एक रिकार्ड है।
प्राणी उद्यान के निदेशक अनुपम बताते हैं, ”पिछले एक सप्ताह में लगभग एक लाख से अधिक दर्शकों ने प्राणि उद्यान का भ्रमण किया गया है जो अपने आप में एक रिकार्ड है।”
पिता की याद में चिम्पांजी को गोद लिया
नवाब वाजि़द अली शाह प्राणी उद्यान, लखनऊ में वन्य जीवों को गोद लेने की योजना के तहत शनिवार को शिखा त्रिपाठी ने एक चिम्पांजी को 20,000 रुपए का सहयोग देकर एक वर्ष के लिए अंगीकृत किया। यह अंगीकरण उन्होंने अपने पिता एसएन त्रिपाठी जी कि स्मृति में किया। वन्य जीवों को अंगीकृत करने की अवधि अब एक सप्ताह, एक माह, तीन माह, छह माह तथा एक वर्ष की अलग-अलग अवधि का भी प्रावधान कर दिया गया है, जिससे अधिक से अधिक लोग इस कार्य से जुड़ सकें तथा वन्य जीवों के संरक्षण में अपना सहयोग प्रदान कर सकें।