बाराबंकी। जबसे
चक गंजरिया फार्म को लखनऊ से बाराबंकी ज़िले के जहांगीरबाद ब्लॉक में स्थापित किया
गया है तब से वहां के पशुओं की सही से देख-भाल नहीं हो पा रही है और उन्हें
पर्याप्त चारा भी नहीं मिल पा रहा है।
फार्म में 360 पशुओं पर एक दिन में 60 से 65 कुंतल हरे चारे
की आवश्यकता होती है, जिसकी पूर्ति
नहीं हो पा रही है।
हरे चारे की कमी
का कारण बताते हुए डॉ आरबी बताते हैं, ‘‘जहां पहले फार्म था वहां हरा चारा उगाने के लिए
काफी भूमि थी यहां पर ऐसी कोई सुविधा नहीं है हरा चारा खरीदना पड़ता है जिससे काफी
दिक्कत आती है।’’ अपनी बात को जारी रखते हुए वो बताते हैं, ‘‘यहां पर पशुओं को चराने
में काफी दिक्कत होती है क्योकि यहां पर दूर-दूर तक चरागाह भी नहीं है।’’
पचीस एकड़ में
बने इस फार्म में करीब 360 साहीवाल नस्ल की
गाय है और 1700 देशी पक्षी (मुर्गे-मुर्गियां)
हैं।
गंजरिया फार्म
में साफ-सफाई के अभाव में पशुओं में संक्रमण रोग भी फैल रहा है। गायों को रखने के
लिए बने शेडों में गंदगी पड़ी है जबकि फार्म की साफ-सफाई और देखभाल के लिए चालीस
व्यक्तियों को रखा गया है। फार्म को हरा भरा रखने के लिए पौधों को भी लगाया गया है
लेकिन वो भी सूख गए है उन पर भी किसी का ध्यान नहीं है।