लखनऊ। अब बचपन से मूकबधिर बच्चे भी बिन बोले ही इशारों में सबकुछ कहेंगे। दृष्टिबाधित बच्चे भी बिना देखे पूरी दुनियां को देख सकेंगे। जी हां, यह सुनने में आपको भले ही अटपटा और अजीब लग रहा हो, लेकिन अब हक़ीक़त में ऐसा होने वाला हैं।
प्रदेश का विकलांग जन विकास विभाग ऐसे विशेष बच्चों के लिए खास शिक्षा देने की तैयारी कर रहा है। राजधानी समेत सूबे के आठ मंडलों में मूकबधिर बच्चों के लिए संचालित होने वाले बचपन स्कूलों की संख्या बढ़ाकर अब 18 की जाएगी। दरअसल प्रदेश सरकार की मंशा के मुताबिक सूबे के हर मंडल में एक-एक बचपन स्कूल खोलना है। आगामी जुलाई माह से इनमे पढ़ाई शुरू हो जाएगी।
योजना के लिए दो करोड़ जारी
विकलांग जन विकास विभाग के प्रस्ताव पर न केवल शासन की मोहर लग गई है बल्कि इसे अमलीजामा पहनाने की कवायद भी शुरू हो गई है। मूलभूत सुविधाओं के लिए दो करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं। गोरखपुर, बस्ती, फैजाबाद, कानपुर, गोंडा, अलीगढ़, मुरादाबाद, मेरठ और मिर्जापुर में 10 नए बचपन स्कूलों की स्थापना करने का प्रस्ताव है। जिलाधिकारियों की ओर से स्थान की तलाश चल रही है। इस महीने के अंत तक स्कूलों में सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया हो जाएंगी।
विशेष बच्चों को मिलेगी खास शिक्षा
राजधानी लखनऊ के निशातगंज में संचालित होने वाले बचपन स्कूल में श्रवणबाधित, दृष्टिबाधित और मानसिक मंदित बच्चों को पढ़ाने के लिए हर विधा में दो विशेष शिक्षकों की तैनाती हैं। उन्हें पढ़ाने के लिए विशेष उपकरणों के साथ ही सभी सुविधाएं नि:शुल्क दी जाती हैं। नए 10 स्कूलों में विशेष शिक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा।