परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली को हाईटेक बनाने की कवायद

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परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली को हाईटेक बनाने की कवायदजल्द ही अधिकारियों को ई-चालान से संबधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

उन्नाव। वह दिन अब दूर नहीं जब परिवहन विभाग के अधिकारी हाथों में टैबलेट लेकर वाहनों का ई-चालान करते नजर आएंगे। परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली को हाईटेक बनाया जा सके इसके लिए शासन ने यह कदम उठाया है। ई-चालान के लिए परिवहन विभाग के अधिकारी अब टैबलेट का प्रयाग करेंगे। जिसके लिए शासन ने बजट जारी कर दिया है। जल्द ही अधिकारियों को ई-चालान से संबधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।

कानून मुताबिक, वसूलते हैं जुर्माना

सड़क पर नियमों की अनदेखी करने वाले वाहनों का परिवहन विभाग के अधिकारी चालान करते हैं। पहले से निर्धारित प्रारूप पर चालान कर एक रसीद वाहन चालक को थमा दी जाती है, जिसमें यातायात नियम के उल्लंघन से जुड़े अपराध का जिक्र होता है। इस प्रक्रिया में वाहन चालक को कितना जुर्माना अदा करना पड़ेगा, इसका कोई जिक्र नहीं होता। चालान के बाद चालक रसीद को लेकर कार्यालय पहुंचता है जहां धारा के हिसाब से उससे जुर्माना वसूला जाता है। इस प्रक्रिया में कई बार वाहन चालक अधिकारियों पर मनमानी का आरोप भी लगाते हैं। चालकों का आरोप रहता है कि वह जबरन चालान के साथ मन-मुताबिक धारा को जोड़ देते हैं।

बजट आते ही खरीदा जाएगा टैबलेट

इन सभी समस्याओं का हल निकालते हुए और कागजी कार्रवाई को समाप्त करने के लिए शासन ने अब परिवहन विभाग के अधिकारियों को टैबलेट से लैस करने का निर्णय लिया है। शासन ने प्रदेश के प्रत्येक जिले में परिवहन अधिकारियों के लिए टैबलेट खरीद के लिए बजट जारी कर दिया है। विभाग के अधिकारी टैबलेट की मदद से वाहनों का ई-चालान करेंगे। टैबलेट में चालान का प्रारूप पहले से लोड रहेगा। अधिकारी इसमें अपराध के अनुसार चालान करेंगे। जिसके बाद चालक को चालान रसीद उपलब्ध कराई जाएगी। इस बारे में पूछे जाने पर एआरटीओ माला बाजपेई ने बताया, "शासन की ओर से टैबलेट खरीद के लिए बजट दे दिया गया है। ई-चालान के लिए जल्द ही प्रशिक्षण भी दिया जाएगा, जिसके बाद ई-चालान की शुरुआत की जाएगी।"

  

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