सीतापुर। नीमसार कस्बे में रहने वाले ईश्वर लाल द्विवेदी (53 वर्ष) अपने घर में सिर्फ एलईडी बल्ब ही लगवाए हैं। इतना ही नहीं उनके घर के ठीक सामने बने मंदिर पर भी एलईडी बल्ब लगा है, जो पूरी रात जलता है।
सीतापुर जिला मुख्यालय से 34 किमी. पश्चिम दिशा में नीमसार क्षेत्र में रहने वाले ईश्वर बताते हैं, “अपने मित्र की सलाह पर पिछले वर्ष विकास भवन में फार्म भरकर सस्ते एलईडी बल्ब खरीदे थे। घर पर लगे साधारण बल्बों को हटवाकर हमने एलईडी बल्ब ही लगवाएं हैं, इससे बिजली का बिल तो कम आता ही है, साथ में आम बल्बों की तुलना में ये ज़्यादा दिनों तक चलते हैं और रोशनी भी चुभती नहीं है।’’
शहरों की तरह ही गाँवों में भी एलईडी लाइट का जाल फैलता जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक बल्ब और महंगे सीएफएल ही नहीं बल्कि एलईडी लाइटों को भी लोग पसंद कर रहे हैं।
गाँवों में बिजली बचत के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार पिछले वर्ष जून से सस्ती दरों पर एलईडी वितरित कर रही है। प्रदेश सरकार के ऊर्जा संरक्षण अभियान के तहत उपभोक्ताओं को एलईडी और सोलर लाइट के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। एलईडी लाइट बाजार में 300 से 400 रुपए की कीमत पर बिकती हैं, मगर उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड एलईडी लाइटों को 135 रुपए में उपलब्ध कराती है।
सीतापुर जिले के बेनीगंज के रतन सिंह (45 वर्ष) पिछले दो वर्षों से एलईडी लाइट का प्रयोग कर रहे हैं। रतन कहते हैं, ‘’एक एलईडी बल्ब एक साल तक आसानी से चल जाता है औऱ रोशनी भी ज़्यादा दूर तक रहती है। गाँव के पास ही बाज़ार में आसानी से एलईडी बल्ब मिल जाते हैं। यहां ज़्यादातर लोगों ने अपने घरों में एलईडी लाइट लगवा रखी है।’’
घरेलू बिजली की बचत के मकसद से ग्रमीण क्षेत्रों की सड़कों पर सभी तरह की पारंपरिक प्रकाश व्यवस्था को एलईडी लाइट से बदलने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एलइडी योजना के तहत पिछले एक वर्ष में आठ लाख से अधिक स्ट्रीट लाइटें बदली जा चुकी हैं। सरकार ने अगले तीन साल में पूरे देश में एलईडी योजना को पूरी तरह से क्रियान्वित करने का लक्ष्य रखा है।
गाँवों में बांटी जा रही एलइडी लाइटों के बारे में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम, लिमिटेड के अधिशाषी अभियंता अजय कुमार बताते हैं, “विभाग द्वारा लखनऊ-वसीतापुर क्षेत्र के गाँवों में एलइडी वितरण अभियान चलाया गया, जिसमें लाखों की संख्या में लोगों ने एलइडी लाइट खरीदीं हैं। आने वाले समय में हम ज़्यादा से ज़्यादा गाँवों को इस अभियान के तहत जोड़ेंगे।’’ सरकार की एलईडी योजना के तहत जारी आंकड़ों के मुताबिक योजना की लोकप्रियता की बदौलत भारत में एलईडी बल्ब का प्रोडक्शन पिछले वर्ष की तुलना में 30 फीसदी बढ़कर प्रति माह तीन करोड़ यूनिट हो गया है।
स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क