बाराबंकी। कई बीघा में फैला सरोवर अब धीरे-धीरे सिमट कर कम हो गया। शहर के सारे गन्दे नालों का पानी सरोवर में जा रहा है। तीन सौ वर्ष पूराने सरोवर पर गन्दगी का अम्बार लगा है। सरोवर के किनारे ताड़केश्वर मन्दिर है। शहर के प्रसिद्ध धनोखर सरोवर का सौंदर्यीकरण आज तक नहीं कराया जा सका है। नगर परिषद में एक करोड़ रुपया एक वर्ष पहले सफाई के नाम पर आया पर अभी तक कोई कार्य नहीं हुआ।
मन्दिर परिसर में रहने वाली माया देवी बताती है, “यह मन्दिर तीन सौ साल पूराना है। सरोवर की जमीन पर अवैध कब्जा हो रहा है साथ ही कई नाली और नालों का पानी इसमें गिराया जाता है, कूड़ा और मूर्तियां विसर्जित की जाती है, जिससे और गन्दगी फैल रही है। पानी निकासी की जगह नहीं है। कई बार सरोवर को साफ कराने का पैसा विभाग में आया पर सफाई दस साल पहले हुई थी।
सरोवर के पास जाने के लिए मन्दिर के अंदर से रास्ता है और दूसरा सकरी गलियों से होकर जाता है जहां लोगों ने अतिक्रमण कर रखा है। जिससे सफाई के लिए जेसीबी जैसा कोई भी उपकरण अन्दर नहीं जा सकते। कई बार सौंदर्यीकरण से संबंधित पत्र ईओ को दिया जा चुका है। शासन से सौंदर्यीकरण के लिए एक वर्ष पहले ही एक करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत हो चुका है। कार्य आज तक नहीं शुरू कराया जा सका है। सरोवर गंदगी से पटा पड़ा है। पूर्व में जब नगर परिषद नवाबगंज की ओर से कार्य शुरू कराया गया तो सरोवर तक बड़ी जेसीबी मशीन नहीं पहुंच पाई। कारण आसपास दुकानदारों द्वारा अतिक्रमण कर लेना बताया गया है।
मुंशीगंज वार्ड में बने इस सरोवर के सौंदर्यीकरण कराने की मांग लोग काफ़ी दिन से कर रहे है। यहां के अतिक्रमणकारी सरोवर सौंदर्यीकरण में बाधा बन रहे है। इसकी शिकायत उन्होंने पूर्व में चेयरमैन व अधिशाषी अधिकारी से लेकर एसडीएम व डीएम से की है।
बाराबंकी ज़िले के अधिशाषी अधिकारी एस के सिंह ने बताया, “अतिक्रमण की समस्या सरोवर के सौंदर्यीकरण में थी। अब रास्ता निकाल लिया गया है। इसके आसपास अतिक्रमण भी नगर परिषद द्वारा हटवाया जाएगा। अभी धनराशि एक करोड़ की प्राप्त हुई है। जल्द ही सरोवर की सफाई कराकर सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू कराया जाएगा। प्राचीन धनोखर सरोवर वर्तमान समय में कूड़े से पटा पड़ा है।”