‘गन्दगी से वातावरण ही नहीं आत्मा भी मैली होती है’

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उन्नाव। कुपोषण का सीधा सम्बन्ध साफ-सफाई की खराब व्यवस्था और गन्दे वातावरण से है। स्वच्छता केवल स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा ही नहीं, बल्कि यह जीवन जीविकोपार्जन और इन सबसे ऊपर मानवीयता को भी प्रभावित करता है। ये बातें जिलाधिकारी सौम्या अग्रवाल ने स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत आयोजित की गयी कार्यशालाको सम्बोधित करते हुए कहीं।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत विशेष स्वच्छता अभियान के लिए 2015-16 में चयनित लोहिया गाँवों, गंगा के किनारे की ग्राम पंचायतों व राज्य पोषण मिशन के तहत गोद ली गयी ग्राम पंचायत के प्रधानों, सचिवों आदि की एक कार्यशाला का आयोजन निराला प्रेक्षागृह में किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता जिला अधिकारी सौम्या अग्रवाल ने की।

उन्होंने कहा, ‘‘गन्दगी से वातावरण ही नहीं आत्मा भी मैली होती है। खुले में शौच करने से स्वास्थ्य का गम्भीर नुकसान होता है।’’ 

जिलाधिकारी ने कहा कि सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रधानों की अहम भूमिका होती है। प्रधान स्वच्छता अभियान ,27 जनवरी से तीन फरवरी तक चलाए जा रहे मातृत्व सप्ताह आदि कार्यो में सहयोग देकर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें सभी लोग भारत को स्वच्छ रखने का बीड़ा उठाएं। प्रत्येक गाँव का प्रत्येक घर स्वच्छ होगा। घर-घर शौचालय होंगे तो स्वच्छ भारत मिशन का सपना साकार होगा।

अपने गांवो को प्रधान माडल गाँव के रूप में विकसित करें। स्वच्छता के प्रति अपने गाँवों में जन जागरूकता पैदा करें। गाँवों को खुले में शौच से मुक्त कराने पर ग्राम पंचायत को पुरस्कार मिलता है।

उन्होंने प्रधानो का विशेष तौर पर आहवान किया कि वे स्वच्छता के सन्देश को घर-घर तक पहुंचाएं।

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