सुनील तनेजा
मेरठ। जाट आरक्षण आंदोलन की वजह से हरियाणा में हालात लगातार खराब होते जा रहे हैं। रोहतक और भिवानी के बाद जींद, सोनीपत, झज्जर और हिसार में भी कर्फ्यू लगा दिया गया।
रोहतक में जाट और गैर-जाटों के संघर्ष में दो, झज्जर में चार लोगों की मौत हो गई। गोहाना और कैथल में संघर्ष के दौरान एक-एक की मौत हो गई। दो दिन के हिंसक आंदोलन में मरने वालों की संख्या 9 तक पहुंच गई है। 150 से ज्यादा लोगों घायल होने की ख़बर है।
यूपी पहुंची जाट आरक्षण की आग
हरियाणा से निकलकर जाट आरक्षण की आग अब यूपी तक भी पहुंच गई है। मेरठ के अलावा पश्चिमी यूपी के कई ज़िलों में कॉलेज के छात्रों में सड़क पर पैदल मार्च निकालकर हरियाणा सरकार पर आंदोलनकारी जाटों पर बर्बरता करने का आरोप लगाया है।
वहीं अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी यशपाल मालिक ने उत्तर प्रदेश के कई ज़िलों में राजमार्ग और रेलमार्ग जाम करने की धमकी दी है। चौधरी यशपाल ने कहा कि अगर सरकार ने जाटों के खिलाफ़ कार्रवाई की तो यूपी में हरियाणा जैसा ही आंदोलन शुरू हो जाएगा।
जाट आरक्षण पर बैठकों का दौर जारी
जाट आरक्षण आंदोलन को खत्म करने के लिए चंडीगढ़ से लेकर दिल्ली तक बैठकों का दौर तेज हो गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने भी आंदोलन कर रहे जाटों को भरोसा दिलाया कि “सरकार ने जाटों की मांग मान ली है। सभी लोग अपने घरों में जाएं।’ लेकिन प्रदर्शनकारी अभी भी डटे हुए हैं और हिंसा कम नहीं हुई।
हज़ारों गाड़ियां आग के हवाले
आंदोलनकारियों ने शनिवार को 500 से ज्यादा दुकानों, शोरूम्स और मल्टीप्लेक्स में आगजनी और लूटपाट की। कई बसों समेत 1200 से अधिक गाड़ियां आग के हवाले कर दिए गए। आंदोलनकारियों ने एनएच-44 (दिल्ली-अंबाला) और एनएच- 10 (दिल्ली-हिसार-फजिल्का) राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों को रोक रखा है। इससे राज्य का पूरे देश से सड़क और रेल संपर्क टूट गया है। दिल्ली-बागपत हाईवे पर भी जाम की ख़बर है।