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इस्पात इंडस्ट्री पर बैंकों का तीन लाख करोड़ बकाया

India

नई दिल्ली (भाषा)। इस्पात मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह ने आज कहा कि इस्पात उद्योग पर कई बैंकों का करीब तीन लाख करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है और इस तरह यह क्षेत्र देश में गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) वाले सबसे बड़े क्षेत्रों में शामिल है।

उन्होंने लोकसभा में जी हरि, ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रश्नों के उत्तर में कहा कि इस्पात उद्योगों को दिये गये लोन को पुनर्गठित करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक और अन्य बैंक प्रयास कर रही हैं ताकि कर्ज बकाये का पुन भुगतान हो सके। इस्पात उद्योग में मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए सिंह ने कहा कि सरकार ने उद्योग में नई जान डालने के लिए प्रयास किये हैं ताकि इस्पात कंपनियां कर्ज का भुगतान कर सकें।

उन्होंने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि चीन ने अपनी घरेलू खपत से 25 से 30 प्रतिशत अधिक इस्पात का उत्पादन किया है और वह भारत को इस्पात का निर्यात करने का प्रयास कर रहा है जहां स्टील की मांग बढ़ रही है। मंत्री ने कहा कि बाजार में चीन का इस्पात होने से दाम कम हो गये हैं जिसके नतीजतन घरेलू इस्पात निर्माता भारी नुकसान उठा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ‘‘हालात पर नियंत्रण के लिए सरकार ने फरवरी के प्रभाव से इस्पात के लिए न्यूनतम आयात मूल्य (एमआईपी) लागू किया है जिससे पिछले दो-तीन महीने में दाम फिर से बढ़ने में मदद मिली है। हालांकि वैश्विक रुप से इस्पात के दाम लगातार कम बने रहना चिंता का विषय है।”

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