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कैलाश सत्याशी के नोबल प्रशस्ति पत्र को चोर ने कागज़ का टुकड़ा समझ फाड कर फेंक दिया होगा: दिल्ली पुलिस

नोबल पुरस्कार

नई दिल्ली। कैलाश सत्यार्थीे का नोबर प्रशस्ति पत्र अब शायद ही मिले। दिल्ली पुलिस ने आशंका जताई है कि चोर ने सत्यार्थी के घर से चोरी प्रशस्ति पत्र को कागज़ का टुकड़ा समझ कर फाड़ कर फेंक दिया होगा।

बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी के घर से करीब एक महीने पहले नोबल पुरस्कार की प्रतिकृति चोरी हो गई थी। दक्षिण पूर्वी दिल्ली में कालकाजी स्थित सत्यार्थी के घर से नोेबेल प्रतिकृति, प्रशस्ति पत्र और अन्य कीमती सामान चोरी हो गये थे और 12 फरवरी को इस संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया था। नोबेल प्रतिकृति और चोरी किये गये अन्य सामान बरामद कर लिये गये लेकिन अभी तक प्रशस्ति पत्र नहीं मिला और पुलिस ने कहा कि उन्हें इसके बारे में ‘कोई जानकारी’ नहीं है.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें संदेह है कि उन्होंने इसे फेंक दिया होगा या इसे सिर्फ कागज का एक टुकडा समझकर पूरी तरह फाड़ कर फेंक दिया होगा।” अधिकारी ने बताया कि अभी तक की पूछताछ में तीनों आरोपियों ने प्रशस्ति पत्र चोरी करने का जुर्म नहीं कबूला है लेकिन पुलिस अब भी इस मामले की जांच कर रही है.

उन्होंने कहा, ‘‘गिरफ्तार किये गये तीन आरोपियों को प्रशस्ति पत्र की कीमत का नहीं पता। ऐसी कोई संभावना नहीं दिख रही कि उन्होंने इसे कहीं छुपाया होगा ताकि कुछ वर्षों बाद वे बाजार में इसे बेचकर मुनाफा कमा सकें।” इससे पहले आरोपियों ने पुलिस को बताया था कि उन्होंने कालकाजी में डीडीए फ्लैट्स के समीप कुछ झाडियों में इन सामान को फेंक दिया था क्योंकि ये उनके ‘किसी काम के नहीं’ थे। सत्यार्थी ने जनवरी 2015 में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को अपना नोबेल मेडल भेंट किया था। असली मेडल सुरक्षित है और राष्ट्रपति भवन संग्रहालय में रखा हुआ है।

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