कब छपेंगी सरकारी स्कूलों की किताबें?

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लखनऊ। एक जुलाई से सरकारी स्कूल खुलने वाले हैं लेकिन पिछली बार की तरह क्या इस बार बच्चों को किताबें मिल पाएंगी, इस पर अभी तक संशय बना हुआ है। अभी तक शिक्षा विभाग ने किसी भी कंपनी को किताबों की छपाई का टेंडर तक नहीं दिया है।

सरकारी स्कूलों में कक्षा आठ तक बच्चों को नि:शुल्क किताबें दी जाती हैं लेकिन इस बार सत्र की शुरुआत पहले कर दी गई थी, इसके बाद भी अप्रैल से मई तक की पढ़ाई तो बच्चों को बिना किताबों के ही करनी पड़ी है। छुट्टियों के बाद जुलाई में स्कूलों के खुलने पर भी बच्चों को फिलहाल किताबों के बिना ही पढ़ना पड़ेगा। प्रदेश में 1.98 लाख प्राइमरी व अपर प्राइमरी स्कूलों में पढ़ने वाले लगभग 1.96 करोड़ बच्चों के लिए इस बार लगभग 250 करोड़ रुपये की किताबों की छपाई होनी है। 

जून माह आधा गुजर जाने के बाद भी मंगलवार को किताबों की छपाई का टेंडर भी किसी को नहीं दिया गया है जबकि पिछले माह 25 मई को टेंडर प्रक्रिया पर लगी रोक हाईकोर्ट द्वारा हटा दी गयी थी।  अभी तक किसी को टेंडर क्यों नहीं दिया गया है ? इस सवाल पर पाठ्य-पुस्तक अधिकारी अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि टेंडर के मामले में पुन: परीक्षण की प्रक्रिया जारी है।

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