नई दिल्ली (भाषा)। खेती में प्लास्टिक के साधनों का इस्तेमाल करने से फसलों के नुकसान पर रोक और उत्पादकता में सुधार के जरिए सालाना 68,000 करीब करोड़ रुपये तक का फायदा हो सकता है। ये बात एक ताजा विशेषज्ञ रिपोर्ट में कही गई है जिसे कृषि पर संसद की स्थायी समिति के चेयरमैन हुकमदेव नारायण यादव ने फिक्की के एक कार्यक्रम में जारी की।
कृषि में प्लास्टिक के साधनों के वैज्ञानिक तरीके से प्रयोग से केवल उत्पादकता बढ़ाने में बल्कि साधनों की भी बचत होगी। टाटा स्ट्रैटेजिक मैनेजमेंट ग्रुप द्वारा तैयार इस रिपोर्ट में कहा गया है कि प्लास्टिक की सुविधाओं से खड़ी फसल और तैयार फसल उत्पादों का नुकसान कम करने में मिलती है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘टपक सिंचाई, प्लास्टिक मल्च, प्लास्टिक उत्पादों से क्यारियां बनाना जैसे प्लास्टिक साधनों के सही इस्तेमाल से कृषि उत्पादन में 68,000 करोड़ रुपये तक की बढोतरी होने का अनुमान है।’ यादव ने कहा कि प्लास्टिक उद्योग को पर्यावरण की रक्षा करने वाली तकनीकों में निवेश कर सतत विकास का संवर्द्धन करना चाहिए।