बाराबंकी/लखनऊ। बाराबंकी जनपद में मान्यता प्राप्त पत्रकार सतीश कश्यप को पुलिसकर्मियों द्वारा पीटे जाने को लेकर पत्रकारों में आक्रोश है। पत्रकारों ने गुरुवार को बैठक कर एसपी बाराबंकी अब्दुल हमीद से कोतवाल और चौकी इंचार्जको सस्पैंड करने की मांग की है। एसपी ने मामले की जांच सीओ सिटी विशाल विक्रम सिंह को दिया है। जांच के बाद ही दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होगी।
एबीपी न्यूज चैनल और गाँव कनेक्शन हिंदी दैनिक के जिला संवाददाता (मान्यता प्राप्त) सतीश को एसपी की शह पर कोतवाल नगर डीपी यादव, बंकी चौकी इंचार्ज श्रीनाथ यादव और तीन अन्य पुलिसकर्मियों ने कोतवाली में बुलाकर पिटाई करने के बाद अपशब्दों का प्रयोग किया था।
इस मामले की जानकारी मिलने पर पत्रकारों ने विरोध किया तो एसपी अब्दुल हमीन आरोपियों का ही पक्ष लेने लगे। पत्रकारों के आक्रोश पर भी जिला प्रशासन और पुलिस महकमा पर कोई असर पड़ता दिखाई नहीं दिया जिससे आमजन में भी असुरक्षा की भावना व्याप्त है। बुधवार को बाराबंकी आदर्श नगर कोतवाली में पत्रकार सतीश कश्यप के साथ एसओ-एसआई व बंकी चौकी इंचार्ज दुर्व्यवहार, मारपीट के मामले में अहम यह रहा कि पत्रकारों को संरक्षण देने का झूठा प्रचार-प्रसार का सच सबके सामने उस समय नग्न दिखा।
जब वरिष्ठ पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करने वाले एसओ-एसआई व कांस्टेबल के खिलाफ किसी तरह की दण्डात्मक कार्रवाई की मांग को जिला पुलिस अधीक्षक ने नहीं सिर्फ खारिज किया बल्कि मामले के सामने आने के बाद कोतवाली तक आने की जहमत तक नहीं उठाई। पीड़ित पत्रकार सतीश ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए कैमरे के समक्ष बताया कि उसके साथ मारपीट करते समय कोतवाल एसआई बारबार कह रहे थे कि हमारा कुछ नहीं कर पाओगे। इतना ही नहीं आईजी और डीजीपी भी कुछ नहीं कर सकते हैं।
मामले को संज्ञान लेते हुए पत्रकार प्रेस परिषद के फैजाबाद मंडल के मण्डल अध्यक्ष अनंत सिंह भी बाराबंकी पहुंचे। सारी जानकारी मिलने पर उन्होंने दिल्ली शीर्ष नेतृत्व को पत्रकार उत्पीड़न की जानकारी दी और परिषद के मार्गदर्शन पर डीआईजी फैजाबाद रेज और आईजी लखनऊ से फोन पर बात की। जिसमें डीआईजी फैजाबाद ने एसपी सहित सभी दोषीजनों के खिलाफ मामले की गंभीरता देखते हुए कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया।