लखनऊ। समाजवादी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में निरन्तर कार्य कर रही है। सरकार का उद्देश्य है कि आम जनता से लेकर गरीब तक को सस्ते में बेहतर इलाज मिल सके। इसके लिए सरकार की तरफ से कई मेडिकल कालेजों को खोलने के साथ ही एमबीबीएस की सीटों में बढ़ोत्तरी कराने के प्रयास किये गये हैं और पूर्व की अपेक्षा में एमबीबीएस में काफी सीटों की बढ़ोत्तरी भी हुई है। सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा डाक्टर बन सकें। आने वाले दिनों में हेल्थ, आईटी व टूरिज्म के सेक्टर में लखनऊ हब बनेगा। ये बातें सोमवार को यूपी के सीएम अखिलेश यादव की ने निजी हॉस्पिटल सिटी हेल्थ के उद्घाटन के अवसर पर कहीं।
सीएम अखिलेश यादव ने कहा कि मेरे हिसाब से जो डॉक्टर मरीजों को ज्यादा दवाएं लिखते हैं, उनकी अपेक्षा वे डॉक्टर बेहतर हैं जो कम दवाओं में मरीज को ठीक कर देते हैं। उन्होंने कहा कि समाज में गुरु के बाद डॉक्टर को भगवान का दर्जा दिया गया है। इसलिए डॉक्टर को चाहिए कि वह मरीजों की निष्काम भाव से सेवा करें। कोशिश यह रहे कि कोई भी गरीब मरीज हॉस्पिटल आने के बाद बगैर इलाज के वापस न जाये। उन्होंने कहा कि 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पूर्व सरकार की तरफ से राजधानी व प्रदेश की जनता को मेट्रो सफर कराने का प्रयास है।
ट्रामा सेंटर के संचालन पर कसे तंज
सीएम अखिलेश यादव ने एसजीपीजीआई ट्रामा सेंटर के संचालन को लेकर कहा कि यह अच्छी बात है कि पीजीआई व केजीएमयू ने आपस में तय कर लिया कि कौन संचालित करेगा। इससे यह बात साफ हो जाती है कि कौन बड़ा है और कौन छोटा। एसजीपीजीआई के निदेशक डा राकेश कपूर ने कहा कि सीएम ने हेल्थ केयर पर काफी कार्य किया है। पीजाआई का प्रयास है कि लखनऊ मेडिकल हेल्थ में सिटी के नाम से जाना जाय। ट्रामा में मरीजों के लिए एक घंटे महत्वपूर्ण होते हैं। केजीएमयू वीसी प्रो रविकांत ने कहा कि जो डाक्टर इलाज कर रहे हैं, उनके रिटायरमेंट के बाद रिक्त जगह को भरने का प्रयास हो। उनकी कोशिश है कि केजीएमयू की मदद से पीजी स्तर के कोर्सों का संचालन बलरामपुर, डफरिन व सिविल जैसे अस्पतालों में हो।