लखनऊ। राजधानी के सदर ब्लॉक के दस गाँवों का विकास अब शहरी तर्ज पर होगा। यहां के बच्चे डिजिटल साक्षर होंगे।इन विकास कार्यों का उद्देश्य समता और समावेश पर जोर देते हुए ग्रामीण जनजीवन के मूल स्वरूप को बनाए रखते हुए गाँवों के कलस्टर को रुर्बन गाँवों के रूप में विकसित करना है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन के लिए लखनऊ के सदर ब्लॉक के जुग्गौर, गनेशपुर रहमामपुर, उत्तरधीना, पपनामऊ, सरायंशेख मेहौरा, अनौराकला, सिकन्दपुर, नरेन्दी, लौलाई ग्राम पंचायम को चुना गया। इनको जनसंख्या की अधिकता के आधार पर चयनित किया गया है। इन ग्राम पंचायतों की कुल जनसंख्या 36,853 है। इन पंचायतों में विद्यालयों की कुल संख्या 91 है।
रुर्बन क्लस्टर के विकास को दिशा देने के लिए यह मिशन प्रत्येक रुर्बन क्लस्टर के लिए एक समेकित क्लस्टर कार्य योजना तैयार करने की सिफारिश करता है। क्लस्टर के लिए आईसीएपी में दो घटक सामाजिक-आर्थिक एवं इनफ्रास्ट्रक्चर आयोजन घटक और स्थानीय आयोजन घटक होगा । इन योजनाओं में लगभग चार माह का समय लगेगा। दोनों योजनाएं साथ-साथ चलेंगी।
इस मिशन के तहत प्रत्येक रुर्बन क्लस्टर को एक ऐसी परियोजना के रूप में विकासित किया जाएगा जिसमें आर्थिक कार्यकलापों से जुड़ा प्रशिक्षण, कौशल और स्थानीय उद्यमीशीलता विकास संबधी घटक शामिल होंगे। कृषि-सेवाएं और प्रसंस्करण, डिजिटल साक्षरता, 24 घण्टे पाइप द्वारा जलापूर्ति, स्वच्छता, नालियों युक्त गाँव की गलियों की मौजूदगी, विलेज स्ट्रीट लाइट, स्वास्थ्य, प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों का उन्नयन, नागरिक सेवा केन्द्र, सार्वजनिक परिवहन एलपीजी गैस कनेक्शन, गाँवों के बीच सड़क संपर्कता आदि विकास कार्य इन पंचायतों में कराए जाएंगे। इन कार्यों को तीन वर्ष में पूरा किया जाना है।