नई दिल्ली (भाषा)। उच्चतम न्यायालय ने आज राष्ट्रीय सुरक्षा को गहरा जोखिम पैदा करने वाली फर्जी पहचानों से बचने के लिए मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के सत्यापन के मुद्दे पर केंद्र द्वारा की गई कार्रवाई के बारे में जवाब मांगा।
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता एनजीओ ‘लोकनीति फाउंडेशन’ द्वारा लिखे गये एक पत्र पर दूरसंचार विभाग और भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से छह हफ्तों में जवाब देने को कहा। इस पत्र में एनजीओ ने मोबाइल फोन सत्यापन मुद्दे पर सुझाव दिये हैं।
याचिकाकर्ता संगठन ने सात अगस्त 2014 को दूरसंचार विभाग और ट्राई को पत्र लिखकर कहा था कि मोबाइल फोन उपभोक्ताओं के सत्यापन में कमी के कारण राष्ट्रीय सुरक्षा को गहरा खतरा है। पत्र में इस संबंध में व्यवस्थागत सुधार के लिए सुझाव दिये गये थे।
याचिका में कहा गया, ‘‘बिना सत्यापन वाले सिमकार्ड देश की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा हैं क्योंकि इन्हें आपराधिक तथा आतंकवादी क्रियाकलापों में नियमित रुप से प्रयोग किया जाता है।”