Gaon Connection Logo

मुलायम-शिवपाल की ड्रीम सड़क का हाल बेहाल

India

जसवंतनगर (इटावा)। सैफई और जसवंतनगर को जोड़ने वाली 10 किलोमीटर लम्बी सड़क बदहाल है। यह सड़क स्वयं सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने तब निकलवाई थी, जब वह पहली बार 1989 में मुख्यमंत्री बने थे।

जसवंतनगर से सैफई पहुंचने के लिए पहले रायनगर, छिमारा, हेंवरा होते हुए 17 किलामीटर का सफर तय करना पड़ता था। मुलायम सिंह यादव उस जमाने में चुनाव प्रचार साइकिल पर सवार होकर गाँवों और खेतों की पगडंडियों पर चलकर करते थे, इसलिए उन्होंने लरखौर होते सैफई के लिए ये रोड बनवायी थी।

यह सड़क शुरू में 15 फुट चौड़ी बनी थी। सैफई से लेकर मोहनपुरा तक चार किलामीटर लम्बा माइनर इस सड़क के किनारे बहने से सड़क अक्सर दलदल में तब्दील हो जाती थी। सन् 2005 में सपा सरकार में लोकनिर्माण मंत्री शिवपाल सिंह यादव ने इस सड़क का चौड़ीकरण करवाया और इसे टू लेन होटमिक्सड सड़क का रूप दिया।

सड़क में आये दिन होने वाले दलदल को रोकने के लिए कई फुट, कई किलोमीटर तक रेत डलवाया, नतीजा सड़क पर दोनों तरफ से वाहन जमकर फर्राटे भरने लगे। हर वर्ष इस सड़क पर रखरखाव का काम पीडब्लूडी कराता रहा, जसवंतनगर के बीच आवागमन आसानी से होता रहे। 

इधर पिछले पांच-छह महीने से पडरपुरा गाँव पर सड़क पर गाँव के सामने नाला बन्द किये जाने से पानी सड़क पर भरने लगा जिसकी वजह से सड़क में गड्ढे हो गए।

शिवपाल से शिकायत, अफसरों के कानों पर नही रेंगी जूं

पड़रपूरा गाँव पर सड़क की दुर्दशा के चलते लोकनिर्माण मंत्री के जसवंतनगर, सैफई दौरों के दौरान इस सड़क से उनके काफिले आला अफसरों ने निकालने ही बंद कर दिए। फिर भी शिवपाल सिंह को शिकायतों के जरिये सड़क का हाल बेहाल बताया गया लेकिन जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई ध्यान नहीं दिया। यही नहीं इस गाँव के सामने नाला बन्द किये जाने को लेकर एसडीएम हंसराज यादव से कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

रिपोर्टर – वेदव्रत गुप्ता

More Posts

मोटे अनाज की MSP पर खरीद के लिए यूपी में रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है, जानिए क्या है इसका तरीका?  

उत्तर प्रदेश सरकार ने मोटे अनाजों की खरीद के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू कर दिया है। जो किसान भाई बहन मिलेट्स(श्री...

यूपी में दस कीटनाशकों के इस्तेमाल पर लगाई रोक; कहीं आप भी तो नहीं करते हैं इनका इस्तेमाल

बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और इसे अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने...

मलेशिया में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में किसानों की भागीदारी का क्या मायने हैं?  

प्रवासी भारतीयों के संगठन ‘गोपियो’ (ग्लोबल आर्गेनाइजेशन ऑफ़ पीपल ऑफ़ इंडियन ओरिजिन) के मंच पर जहाँ देश के आर्थिक विकास...