इटावा। एक तरफ दूध का अभाव और चाय की कीमतों में हो रही बढ़ोत्तरी का वास्ता देकर निरंतर दूध की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि हो रही है और इसके बावजूद दूध में मिलावट का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। बच्चों सहित आम लोगों को मिलावटी दूध का सेवन करने को मजबूर होना पड़ रहा है।
जिलाधिकारी के निर्देश पर सिटी मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने जब घेराबंदी कर चार स्थानों से दूध के पांच सैम्पल लिये तो दूध विक्रेताओं में खलबली मच गई। दूध विक्रेताओं को गलियों का सहारा लेकर भागने को मजबूर होना पड़ा।
मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी नादिर अली, खाद्य सुरक्षा अधिकारी ग्रीस चन्द्र वर्मा, प्रदीप कुशवाहा और शैलेन्द्र कुमार ने अलग-अलग मोर्चा संभालते हुए कचौरा रोड पर जैतपुर नागर निवासी शिव प्रकाश पुत्र शिराज तथा पटेल नगर पुरवियाटोला नवासी छोटे लाल पुत्र माता प्रसाद, ग्वालियर वाईपास पर घटिया अजमत अली निवासी गजराज सिंह पुत्र राम किशन यादव, आगरा रोड पर नोवा डेयरी के वाहन से दूध ले जा रहे बकेवर निवासी विनोद पुत्र शिवराज सिंह और सैफई रोड से अधियापुरा निवासी हरी सिंह पुत्र शिवराज सिंह व सैफई रोड से अधियापुरा निवासी हरी सिंह पुत्र प्रकाश सिंह द्वारा दो पहिया वाहन बाइक से दूध ले जाते हुए सैम्पल भर लिया। सभी दूध विक्रेताओं के दूध का सैम्पल भरकर उसे जांच के लिये प्रयोगशाला भेज दिया गया।
बताते चलें कि शहर में दूध की कीमत आसमान छू रही है। पचास रूपये प्रतिलीटर के हिसाब से मिलने वाला दूध लोगों के लिये भारी पड़ रहा है फिर भी उसकी शुद्धता की कोई गारंटी नहीं है। इतना ही नहीं जानवरों पर दूध निकालने के लिए प्रतिबंधित इंजेक्शन का प्रयोग भी जमकर हो रहा है।
यहीं वजह है कि इंजेक्शन लगे दूध के सेवन से बच्चों के विकास पर प्रभाव पड़ रहा है। बच्चे उम्र से पहले से शारीरिक रूप से बालिग हो रहे है। उपभोक्ता रमेश बाबू, शिवमंगल सिंह, प्रदीप कुमार, भूपेन्द्र सिंह आदि ने जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग से मांग की है कि वह इंजेक्शन का प्रयोग करने वाले दूध विक्रेताओं और डेयरी संचालको के यहां छापामार कार्रवाई कर कार्रवाई करें।