बागपत। नशीली वस्तुओं का व्यापार करने वाले माफियाओं की बल्ले-बल्ले हो रही है तो वहीं नशा करने वालों के परिवार बर्बाद होते जा रहे हैं।
नशे में बर्बाद होने परिवारों की फेहरिस्त काफी लंबी है। इसके अलावा लोगों को नशे के अंधेरे में धकेलने वाले चांदी काटते रहते हैं। नशीली वस्तुओं का व्यापार करने वालों को पुलिस का संरक्षण भी मिलता है, जिसके चलते नशे का धंधा करने में किसी भी दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है।
शुरुआत में शौक में नशा करने और उसके बाद नशे का आदी होने वाले लोगों की जनपद में कमी नहीं है। इसके अलावा ऐसे परिवारों की भी कमी नहीं है, जिनके परिवार के कुछ सदस्यों को नशे की लत लगी और उसके बाद पूरा परिवार बर्बाद हो गया। बार-बार प्रदेश और केंद्र सरकार नशा छोड़ने की अपील करती रहती है, लेकिन नशे का व्यापार करने वाले माफिया नशा छुड़वाने की मुहीम को पूरा होने से पहले ही रोक देते हैं।
नशे की लत पड़ जाने के बाद नशेड़ी किसी भी हद तक जाने से पीछे नहीं हटता। नशा करने के लिए चोरी, छीना-झपटी सहित अन्य मामले तो आम हो गए हैं। नशे का व्यापार करने वालों का धंधा दिन-दोगुनी और रात चौगुनी तरक्की कर रहा है। बागपत नगर के अलावा बड़ौत, अमीनगर सराय, खेकड़ा सहित अन्य स्थानों पर नशे का धंधा जोरों पर चल रहा है। जिसके चलते ऐसे परिवारों की फेहरिस्त लंबी होती जा रही है, जो नशे में बर्बाद हो चुके हैं।
कई राज्यों से होती है तस्करी
नशीली वस्तुओं का धंधा करने वाले माफिया दूसरे राज्यों से नशीली वस्तुओं की तस्करी कर लाते हैं। जिसकी एवज में अच्छी खासी कमाई कर लेते हैं। ऐसे में कई बार माफिया और उनके गुर्गे तस्करी करते हुए पकड़े भी जाते हैं, लेकिन मिलीभगत के चलते कार्रवाई नहीं की जाती। पुलिस के संरक्षण के चलते माफिया बेखौफ होकर नशे के इस धंधे को चला रहे हैं और लोगों को बर्बादी की ओर धकेल रहे हैं।
रिपोर्टर – सचिन त्यागी