पानी के नाम पर पिला रहे ज़हर

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उन्नाव। बिना सील बंद पानी की बिक्री प्रतिबंधित होने के बावजूद भी यह धंधा पूरे सबाब पर है। जनपद में संचालित आधा दर्जन कंपनियां हजारों लीटर पानी केन के जरिए सप्लाई कर रही हैं। शादी-ब्याह व मांगलिक कार्यक्रमों के अलावा घरों और प्रतिष्ठानों में प्रतिदिन इनकी सप्लाई हो रही है। इसके जरिए हर महीने लाखों रुपए का कारोबार कर रही हैं, लेकिन इसके बाद भी इस अवैध धंधे पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। यही नहीं जिले में हाथ से तैयार किए गए पानी के पाऊचों की भी जमकर बिक्री हो रही है।

 

जिले में छह कंपनियों को पानी का व्यवसाय करने का लाइसेंस है। इनमें आनंद बेवरेज, ज्ञान प्योर ड्रिकिंग, बिंदावन बॉटलर्स, दिवांश ब्रेवरेज, सन ब्रेवरेज समेत एक अन्य शामिल हैं। इन कंपनियों को सिर्फ सील पैक बोतलबंद और पाउच पानी की ही बिक्री करने की अनुमति है। खुले जार और हाथ से पैकिंग किए जाने वाले पानी के पाउचों की बिक्री पूरी तरह से प्रतिबंधित है, लेकिन इसके बाद भी जनपद में इन जारों और हाथ से पैकिंग किए गए पानी के पाऊचों के जरिए लोगों की प्यास बुझाई जा रही है। प्रतिबंध होने के बाद भी दुकानदार अवैध रूप से पानी के इस कारोबार को करके तगड़ा मुनाफा कमा रहे हैं। 

शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी इन हाथ से पैक किए गए पानी के पाउचों की बिक्री खूब होती है। यह लोग दूषित पानी पाऊच में भरकर लोगों को पिला रहे हैं और बीमारियां बांट रहे हैं। इसके अलावा जो कंपनी मेड पानी के पाऊच बिक रहे हैं उनमें पैकिंग तिथि और रजिस्ट्रेशन नंबर तक अंकित नहीं है। पैकिंग तिथि अंकित न होने से इस बात की जानकारी नहीं हो पाती है कि यह पाऊच बंद पानी कब तक प्रयोग किया जा सकता है। तिथि अंकित न करके संचालक भी पाउचों को कई-कई महीने तक चलाया करते हैं। वहीं लोग भी इसे नजरअंदाज करके प्यास बुझाने के लिए किसी भी तरह के पाऊच को खरीद लेते हैं। इस तरह के पाऊच खरीदकर प्यास बुझाने वाले लोगों का विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने का खतरा बढ़ जाता है। लोगों को सीधे-सीधे बीमारी बांट रहे इन दुकानदारों पर खाद्य एवं औषधि विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। 

कहीं से भी पानी भरकर कर देते हैं पैकिंग

शहर में धड़ल्ले से जगह-जगह पैकेट बंद पानी बेचा जा रहा है। हालात यह है कि लोग पॉलीथीन खरीदकर उसमें हैंडपंपों व स्टैंडपोस्टों से पानी भर लेते हैं और बर्फ लगा ठंडा करके लोगों को पिला रहे हैं। वहीं जो बोतलें खाली हो जाती हैं उनमें भी वह पानी भरकर बेचा करते हैं। गर्मी अधिक होने के कारण मुसाफिर यह नहीं देखते कि यह पानी सही है या नहीं। बस ठंडा पाउच देखकर खरीद लेते हैं और उससे अपनी प्यास बुझाते हैं। जबकि बिना फिल्टर हुआ पानी पीने से शरीर में कई तरह की बीमारियां फैल सकती हैं। एक तरह से यह ज्यादा खतरनाक इसलिए है कि जिले के पानी में फ्लोराइड अधिक है इसलिए बिना फिल्टर पानी का प्रयोग करना मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

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