फल पाकर खिले छात्रों के चेहरे

India

लखनऊ। लम्बे इंतजार के बाद आखिरकार सरकारी और सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को फल चखने को मिल गए और बच्चों के चेहरों पर खुशी नजर आई।

राजधानी के अधिकतर स्कूलों के बच्चों ने सोमवार को मौसमी फलों का स्वाद चखा। बच्चों को नाश्ते में केला, नाशपाती और आम जैसे फलों का वितरण किया गया। फल पाकर बच्चों के चेहरों पर खुशी देखी गई। कई बच्चे फल पाते ही चट कर गए तो वहीं कई बच्चों ने अपने घरों में दिखाने के लिए बस्तों में रख लिया। 

एमडीएम में फल शामिल किए जाने के निर्देश जारी किए गए थे। यह निर्देश एमडीएम के साप्ताहिक मेन्यू में अतिरिक्त पोषक तत्व उपलब्ध कराये जाने के उद्देश्य से जारी किए गए। इसके तहत सप्ताह में एक दिन प्रति सोमवार बच्चों को ताजे एवं मौसमी फल वितरित किए जाने हैं, लेकिन यह फल कटे नहीं होने चाहिए। जिस स्कूल में कटे या सड़े गले फलों के वितरण की बात सामने आएगी, उस स्कूल की प्रबंध समिति और प्रधानाचार्य पर कार्रवाई की जाएगी।

योजना के तहत फल हर सोमवार सुबह स्कूल आने के तुरंत बाद मॉर्निंग स्नैक्स के रूप में दिये जाने हैं। इसके लगभग दो घंटे बाद भोजन दिया जाना है, जिससे दोनों के बीच में कुछ समय का अंतर बरकरार रहे और बच्चे फल खाने के बाद भोजन भी आसानी से ग्रहण कर सकें। शासनादेश के अनुसार, हर बच्चे पर अनुमानित लागत चार रुपए तय की गयी है। इसके लिए शासन स्तर पर पहले फेज में 200 करोड़ का प्रस्ताव जारी किया गया है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर बढ़ाया जा सकेगा। 

वहीं फल पाकर अन्य बच्चों ने संयुक्त रूप से कहा कि हम लोगों को दूध देने के लिए कहा गया था, लेकिन मिलता नहीं है। फल का इंतजार भी हम लोग बहुत दिनों से कर रहे थे, लग रहा था दूध की तरह फल भी नहीं मिलेंगे।

Recent Posts



More Posts

popular Posts