खीरी। खेतों में फसल उगाने के बारे में तो आप सबने सुना होगा लेकिन लखीमपुर में एक किसान ऐसा भी है जो अपने खेतों में केंचुआ उगाता है।
इससे किसान की फसल को कोई नुकसान होने के बजाए फसल का उत्पादन दोगुना है। दिलजिंदर सिंह (32 वर्ष) नामक इस किसान में खेतों में जहां देखो वहीं केंचुए ही केंचुए हैं फिर भी किसान की गन्ने की फसल लहलहा रही है।
लखीमपुर शहर से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर मोहनपुरवा गाँव में दिलजिंदर अपने खेतों में उवर्रकों का इस्तेमाल नहीं करते। सिर्फ सीड ट्रीटमेंट में कीटनाशक का प्रयोग करते हैं, जिसके चलते दिलजिंदर के खेतों में भारी मात्रा में केंचुए हैं। जिधर देखो केंचुए की बीट दिखाई पड़ती है। जमीन खोदिए तो केंचुओं के गुच्छे निकलते हैं।
दिलजिंदर बताते हैं, “केंचुए किसान के मित्र होते हैं। जमीन को पोला रखने में केंचुए बड़ी भूमिका निभाते है। वर्मी कम्पोस्ट और केंचुआ खाद से खेतों में केंचुओं की तादात धीरे धीरे बढ़ती चली गई।”
दिलजिंदर अपने खेतों में गन्ने की पत्ती हो या गेहूं की खोई कभी जलाते नहीं हैं। खेतों में ही सड़ा देते हैं। इससे पहले वो एक एयरवेज कम्पनी में काम करते थे लेकिन मिट्टी की खूशबू उन्हें खेतों में खींच लाई। दिलजिंदर लैपटाप इंटरनेट और आईफोन का भी प्रयोग करते हैं और कहते हैं कि खेती में नई तकनीक जरूरी है।