शाहजहांपुर। पुलिस की दहशतगर्दी और उसके तांडव का ऐसा नजारा जिसे देखकर शायद यूपी पुलिस को लेकर आपका नजरिया गुस्से में तब्दील हो जाये। जिले के एक दरोगा के साथ हुई ग्रामीणों की मारपीट के बाद पुलिस ने पूरा गांव तहस नहस कर दिया। आलम ये है कि पुलिस के खौफ से दर्जनों परिवारों पिछले सात दिनों से गन्ने के खेतों में
अपने बच्चों के साथ डरे और छिपे बैठे हैं। वहीं पुलिस का तांडव अभी भी लगातार जारी है। खास बात ये है कि पुलिस का ये कहर उनके आलाधिकारियों के आदेश पर बरपाया जा रहा है।
खेतो में छिपकर बैठे परिवार की महिलाओं और बच्चों में यूपी पुलिस का डर है जिसने पूरा का पूरा गांव तहस नहस कर दिया। मानवाधिकारों की धज्जियां उड़ाकर पुलिस ने इस मदनापुर के महियावर गांव में पूरे गांव में तालीबानी कहर बरपाया। यहां घरों में रखे सामान को तहस नहस कर दिया और घरों में खड़े वाहनों को पूरी तरह से क्षतिग्रस्त कर दिया।
इसी महीने की 1 तारीख को दूसरे चरण के प्रधानी चुनाव के दौरान रामचन्द्र यादव नाम के दरोगा ने एक युवक को पीट दिया जिसके चलते ग्रामीणों ने दरोगा के साथ भी हाथापाई कर दी थी। लेकिन दरोगा के साथ हुए विवाद को पुलिस ने दुश्मनी के तौर पर लिया। जिसके बाद पुलिस की एक दर्जन गाडि़यों में भर कर गई पुलिस फोर्स से गांव में घर घर जाकर उसे तहस नहस कर दिया। हालांकि पुलिस ने दरोगा के साथ मारपीट करने वालों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करने के बाद 6 लोगों को जेल भी भेज दिया। लेकिन अब थाने के कोतवाल ने धमकी दी है कि वो इस गांव में किसी को रहने नही देंगे। पुलिस की इसी खौफ के बाद महिलाएं और बच्चे पिछले सात दिनों से खेतों में खौफ की जिन्दगी जी रहे है। वहीं बच्चे स्कूल जाने के बजाए यहां छिपे बैठे हैं। उनके पास न खाना और न पीने के लिए पानी। सिर्फ गन्ना खाकर इन्ही खेतों में सर्द रातें गुजार रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो दरोगा से हुए विवाद की उन्हे इतनी बड़ी सजा मिलेगी ये उन्हे मालूम नही था और पुलिस का ये रूप भी हो सकता है ये बात वो सोंच भी नही सकते हैं।