राहत की ख़बर: सूखा प्रभावित 10 राज्यों के लिए 2,251 करोड़ रुपये जारी

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राहत की ख़बर: सूखा प्रभावित 10 राज्यों के लिए 2,251 करोड़ रुपये जारी

नई दिल्ली (भाषा)। कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आवश्यक राहत उपाय करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और केंद्र ने चालू वित्त वर्ष के दौरान सूखा प्रभावित 10 राज्यों को राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष में अंशदान के तहत पहली किस्त के रूप में 2,551 करोड़ रुपये जारी कर दिये हैं।

लोकसभा में विष्णु दयाल राम और कलिकेश एन सिंह के पूरक प्रश्नों के उत्तर में सिंह ने कहा कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सूख प्रभावित राज्यों के पास उपलब्ध राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष की राशि के समायोजन के बाद 10,275 करोड़ रुपये की राशि जारी की जानी थी जिसमें से 31 मार्च 2016 को 6055 करोड़ रुपये जारी कर दिये गए और आठ अप्रैल को 4,220 करोड रुपये जारी किये गए।

कृषि मंत्री ने कहा कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थिति में आवश्यक राहत उपाय करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार की है और भारत सरकार उन्हें वित्तीय सहायता और संभार तंत्र संबंधी सहायता प्रदान करती है।

राधा मोहन सिंह ने कहा कि 2015-16 के दौरान कर्नाटक में खरीफ और रबी, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, झारखंड और राजस्थान ने एनडीआरएफ से वित्तीय सहायता की मांग करते हुए सूखे का ज्ञापन प्रस्तुत किया था।

कृषि मंत्री ने कहा कि आईसीएआर केंद्रीय शुष्क भूमि कृषि संस्थान सीआरआईडीए के माध्यम से कृषि मंत्रालय ने 600 जिलों के लिए विस्तृत आकस्मिक योजनाएं तैयार की हैं। राज्यों को आईसीएआर, सीआरआईडीए एवं राज्य कृषि विश्वविद्यालय के परामर्श से जरूरत के हिसाब से प्रत्येक जिले के लिए आकस्मिक योजना को उन्नत बनाने और मॉनसून में देरी, सूखे के स्थिति में इन आकस्मिक योजनाओं के आधार पर विशिष्ठ सुधारात्मक उपाए करने की सलाह दी गई है। राधामोहन सिंह ने कहा कि सूखा प्रबंधन नियमावली 2009 में सूखे की घोषणा करने के लिए जिन चार मानकों का निगरानी के कारकों को आवश्यक माना गया है उसमें वर्ष की कमी, बोए गए क्षेत्र की सीमा, सामान्य वनस्पति सूचकांक अंतर और आर्द्रता सूचकांक शामिल है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकारें ही सूखे की घोषणा करने के लिए सर्वाधिक उपयुक्त प्रशासनिक इकाई और प्रतिमानों के बारे में निर्णय करती है।

 

 

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