लखनऊ। लखनऊ में हर दूसरे दिन एक हत्या होती है। वर्ष 2015 में 162 लोगों की हत्या हुई थी जबकि एक जनवरी से लेकर 31 मार्च 2016 तक 30 से ज्यादा हत्याएं हुई हैं। यह आंकड़ा पुलिस विभाग का है।एक महीने में लगभग 13 से 14 लोगों की बदमाशों ने हत्या की है।
हालांकि कई ऐसी घटनाएं है जिसमें पुलिस ने हत्या को गैर इरादतन हत्या की धाराओं में बदल दिया जबकि कई मामले ऐसे आए जिसमें पुलिस ने जांच के नाम पर मुकदमा दर्ज करने में टाल-मटोल करती रही। लखनऊ के शहरी क्षेत्र में हत्याएं तेजी से हो रही है। शहर के चौक, अलीगंज, गोमतीनगर सहित अन्य सर्किल में हत्याएं ज्यादा हुई हैं। इसके पीछे गैंगवार, वर्चस्व, प्रेम-प्रसंग का मामला पीछे आया है। पुलिस के आंकड़ों में लगातार चार वर्षों से हत्या के आंकड़ों में वृद्धि हो रही है। वर्ष 2012 में हत्या 126, वर्ष 2013 में हत्या 129, वर्ष 2014 में हत्या 143 तथा वर्ष 2015 में हत्या 162 हुई है।
केस नम्बर एक
थाना मानकनगर में 16 जून को रिंकू की धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी। इस मामले में पुलिस ने जांच करते हुये सूरज सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया।
सच्चाई सामने आने पर सब अवाक रह गये। सूरज रिंकू का साला था। रिंकू सूरज की बड़ी बहन और अपनी पत्नी सरिता को जहां पीटता था वहीं उसकी छोटी बहन से उसका अवैध सम्बन्ध था। बदनामी के डर से सूरज ने अपने दोस्तों के साथ रिंकू की हत्या कर दी थी।
केस नम्बर दो
थाना अलीगंज में सात जुलाई को एक अज्ञात युवती का शव बोरे में मिला था। इस मामले में पुलिस ने प्रेमी संतोष को गिरफ्तार किया। संतोष ने बताया कि उसकी शादी तय हो गई थी। वह युवती से पीछा छुड़ाना चाहता था लेकिन युवती तैयार नहीं थी। वहां वह हत्या करने के बाद शव को बोरे में भरकर फेंकने के बाद फरार हो गया था।
केस नम्बर तीन
थाना आशियाना में सात जुलाई को मां बिटाना और बेटा पप्पू यादव की हत्या हुई थी। इस मामले में पुलिस ने किरायेदार रविशंकर को गिरफ्तार किया। रविशंकर ने बताया कि पप्पू उसकी बहू पर गलत नजर डालता था। इससे समाज में उसकी बदनामी हो रही थी, जिससे उसने दोनों की हत्या कर दी।
हत्याओं की वजह अवैध संबंध
पुलिस के आंकड़ों में सबसे ज्यादा हत्यायें अवैध सम्बंध में हुई है। उसके बाद लूट के इरादे से की गई हत्या की संख्या है। पूर्व एसएसपी राजेश कुमार पांडेय द्वारा कराये गये एक अध्ययन में जून 2015 से मार्च 2016 तक 17 हत्याएं अवैध सम्बन्ध में तथा आठ हत्याएं लूट के इरादे से की गईं।
रिपोर्टर – गणेश जी वर्मा