रामगोविंद चौधरी को अब भी मंत्री मानते हैं बेसिक स्कूल

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कन्नौज। नया शैक्षिक सत्र शुरू हुए चौथा महीना चल रहा है। लेकिन शिक्षकों की लापरवाही साफ दिखती है। बेसिक स्कूलों अब भी गलत मोबाइल नंबर, अधिकारियों के नाम और बेसिक शिक्षा मंत्री समेत अन्य जनप्रतिनिधियों के नाम गलत लिखे हैं। इससे बच्चे भी गलत सीखते हैं।

बेसिक शिक्षा को बच्चों की शिक्षा की रीढ़ कहा जाता है, लेकिन कुछ शिक्षक और मातहतों को इसकी चिंता नहीं है। वह नौनिहालों के भविष्य से खेल रहे हैं। गाँव कनेक्शन टीम ने जिले के कुछ बेसिक स्कूलों का हाल देखने के लिए दौरा किया। उसमें कई बातें सामने आईं, जिनको सुधारने की जरूरत है।

केस 1

विकास खंड सदर कन्नौज के प्राथमिक स्कूल उमरायपुर्वा में मध्यान्ह भोजन योजना की साप्ताहिक तालिका बनी हुई है। उसमें तकरीबन हर वस्तु आदि का विवरण दिया है। चार जुलाई से परिषदीय स्कूलों में फल वितरण भी शुरू कर दिया गया है, इस योजना का जिक्र तालिका में नहीं है। साथ ही गुरसहायगंज के जूनियर हाईस्कूल की तालिका में भी जिक्र नहीं है कि बुधवार को बंटने वाला दूध कब मिलेगा।

केस 2

ब्लॉक उमर्दा क्षेत्र की ग्राम पंचायत हरौली के मजरा मन्नापुर्वा स्थित प्राथमिक स्कूल की दीवार में जो पेंटिंग कर नाम लिखे गए हैं उसमें राज्यपाल का नाम तो बदलकर सही यानि रामनाईक कर दिया गया है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का भी नाम सही लिखा है, लेकिन बेसिक शिक्षा मंत्री के रूप में रामगोविंद चौधरी अब भी दर्ज हैं। साथ ही बीईओ का नंबर भी गलत लिखा है। नीचे ग्राम शिक्षा समिति में अध्यक्ष का नाम और प्रधान सीमा यादव लिखा है, जबकि सच्चाई यह है कि वह वर्तमान में प्रधान नहीं हैं।
केस 3

कन्या प्राथमिक स्कूल चावल मंडी गुरसहायगंज के अभिभावक या स्कूल के बच्चे या फिर किसी शिक्षक को ही इमरजेंसी में डीएम, एसपी आदि के सीयूजी नंबर की जरूरत पड़ जाए तो जल्द ढूंढे नहीं मिलेंगे। हालांकि बीएसए का सीयूजी नंबर तो शिक्षकों के पास होगा। स्कूल में जो तालिका बनी है उसमें डीएम, एसपी, बीएसए, एमडीएम तो लिखा है, लेकिन उनके आगे मोबाइल नंबर नहीं लिखे हैं। 

केस 4

जिले में वर्तमान समय में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अखंड प्रताप सिंह हैं जो डायट छिबरामऊ कन्नौज से आए हैं। इससे पहले इस पद पर रामकरन यादव थे। करीब दो महीने पहले उनका तबादला लखनऊ कर दिया गया, लेकिन ब्लॉक तालग्राम क्षेत्र के गुरसहायगंज प्राथमिक स्कूल में अब भी उनका नाम चल रहा है। यहां सामान्य ज्ञान वाली तालिका में शिक्षा मंत्री का नाम भी गलत यानि रामगोविंद चौधरी लिखा है हालांकि उस पर सफेद कागज चस्पा कर छिपा दिया गया है। 

डीएम के अभियान की हवा निकाल रहे लापरवाह

डीएम अनुज कुमार झा ने बेसिक शिक्षा का स्तर काफी अच्छा किया है। उनका प्रयोग कई जिलों में शुरू हो चुका है। इसकी तारीफ शासन में भी हुई है, लेकिन कुछ लापरवाह शिक्षक और अधिकारी उनके अभियान की हवा निकालने में जुटे हुए हैं। 

तो क्या निरीक्षण में होती है खानापूरी शैक्षिक व्यवस्था अच्छी रखने के लिए बीएसए, बीईओ, एबीआरसी समेत कई अधिकारी समय-समय पर निरीक्षण करते रहे हैं। सवाल उठता है कि स्कूलों का निरीक्षण करते समय रस्म अदायगी ही होती है क्या जो गलत दर्ज तालिकाओं पर उनकी नजर नहीं पड़ती है। 

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